Plastik ke char anupriyog
sejuu:
if u like my answer mark it as brainlist
Answers
Answered by
0
प्लास्टिक जब उपयोग के बाद फेंक दिया जाता है तो यह अन्य कचरों की तरह
आसानी के नष्ट नहीं होता। एक लंबे समय तक अपघटित न होने के कारण यह लगातार
एकत्रित होता जाता है और अनेक समस्याओं को जन्म देता है। जिन देशों में
जितना अधिक प्लास्टिक का उपयोग होता है, वहां समस्या उतनी ही जटिल है।
चिंता की बात तो यह है कि प्लास्टिक का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। जबकि
पिछले वर्षों में जो प्लास्टिक कचरे में फेंका गया, वह ज्यों-का-त्यों
धरती पर यत्र-तत्र बिखरकर प्रदूषण फैला रहा है। भारत में अभी भी प्लास्टिक
का उपयोग विकसित देशों की अपेक्षा काफी कम है, लेकिन इसका प्रयोग तेजी से
बढ़ रहा है। सन् 2001-02 में भारत में प्लास्टिक की मांग 4.3 मिलटन थी, जो
प्रतिवर्ष बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में भारत में प्लास्टिक का बाजार
25,000 करोड़ रुपए है। एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि हमारे देश के शहरों
के कूड़े में 10 प्रतिशत प्लास्टिक की वस्तुएं, 5 प्रतिशत रेशे के टुकड़े
होते हैं प्लास्टिक की वस्तुओं में अनेक टूटे-फूटे बर्तन एवं घरेलू उपकरण
होते हैं। कुछ दशकों पूर्व तक शहरों से निकलने वाले कूड़े में प्लास्टिक
बहुत कम होता था। कूड़े में अधिकांश कार्बनिक पदार्थ ही हुआ करते थे, जो
जल्दी ही नष्ट हो जाते थे या खाद के रूप में बदल जाते थे।
Answered by
2
प्लास्टिक बैग्स विक्रेताओं और उपभोक्ताओं दोनों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि ये सस्ती, मज़बूत और हल्की होती हैं। हालाँकि आधुनिक समय में इन्हें इतना सुविधाजनक माना जाता है कि इनके बिना रहना असंभव लगता है, परन्तु ये प्रदूषण, वन्यजीवन को खत्म करने और पृथ्वी के कीमती संसाधनों का उपयोग करने के लिए ज़िम्मेदार हैं।प्रतिवर्ष अधिक से अधिक प्लास्टिक बैग पर्यावरण को ख़राब कर रहे हैं। ये प्लास्टिक बैग पानी के स्त्रोतों, उद्यानों, समुद्र के किनारे और सड़कों पर मिल जाते हैं।हम अपनी आवश्यकताओं जैसे कारखानों, परिवहन आदि के लिए तेज़ी से गैर नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। यदि पेट्रोलियम की आपूर्ति बंद हो गई तो पूरा विश्व आधा हो जाएगा l
Similar questions
Biology,
7 months ago
Social Sciences,
7 months ago
English,
7 months ago
Physics,
1 year ago
Science,
1 year ago