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- दूसरे की भलाई के उद्देश्य से जब कोई कुछ छोड़ने के लिए तैयार हो जाता है, तो उसे त्याग कहते हैं। ... दूसरे की भलाई के उद्देश्य से जब कोई कुछ छोड़ने के लिए तैयार हो जाता है, तो उसे त्याग कहते हैं।
- गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि त्याग से तत्काल शांति की प्राप्ति होती है और जहां शांति होती है, वहीं सच्चा सुख होता है। मनुष्य अपने जीवन में सारा श्रम भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति में ही लगा देता है। वह अपने सीमित जीवन में सभी कुछ पा लेना चाहता है। इसी में सारा जीवन खप जाता है
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