Hindi, asked by Harshita227april, 1 year ago

please answer 3rd,5th, or 6th Q

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Answered by bandgar110
3
ans of 6

हेलेन केलर

हेलेन एडम्स केलर (27 जून 1880 - 1 जून 1968) एक अमेरिकी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता और आचार्य थीं। वह कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन थी। ऐनी सुलेवन के प्रशिक्षण में ६ वर्ष की अवस्था से शुरु हुए ४९ वर्षों के साथ में हेलेन सक्रियता और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची। ऐनी और हेलेन की चमत्कार लगने वाले कहानी ने अनेक फिल्मकारों को आकर्षित किया। हिंदी में २००५ में संजय लीला भंसाली ने इसी कथानक को आधार बनाकर थोड़ा परिवर्तन करते हुए ब्लैक फिल्म बनाई। बेहतरीन लेखिका केलर अपनी रचनाओं में युद्ध विरोधी के रूप में नजर आतीं हैं। समाजवादी दल के एक सदस्य के रूप में उन्होंने अमेरिकी और दुनिया भर के श्रमिकों और महिलाओं के मताधिकार, श्रम अधिकारों, समाजवाद और कट्टरपंथी शक्तियों के खिलाफ अभियान चलाया l
हेलेन एडम्स केलर २७ जून १८८० को अमेरिका के टस्कंबिया, अलबामा में पैदा हुईं। उनके माता पिता वहाँ आइवी ग्रीन स्टेट पर अपने पिता द्वारा दशकों पहले बनाए गए घर में रहते थे। हेलन के पिता आर्थर एच. केलर ने टस्कंबिया, उत्तर अलबामियन का कई वर्षों तक संपादन किया था। वे अमेरिकी संघ सेना के कप्तान भी रहे थे। हेलेन की माँ, केट एडम्स, चार्ल्स एडम्स की बेटी थी। हेलेन केलर जन्म से ही दृष्टिबाधित और बधिर पैदा नहीं हुई थी। १९ माह की अवस्था में पेट और मस्तिष्क की एक बीमारी ने कम समय के लिए आकर भी उसकी दृष्टि तथा श्रवण शक्ति छीन ली। पेट और मस्तिष्क की यह बीमारी स्कार्लेट ज्वर या मैनिंजाइटिस रही होगी। उस समय वह इशारों के सहारे कुछ बातें कहने में सक्षम थी। परिवार के रसोइए की ६ वर्षीया बेटी उसके इशारे समझती थी। ७ साल की उम्र तक घर की चीजों और आम व्यवहार से संबंधित उसके पास ६० संकेत थे। १९८६ में उसकी माँ ने चार्ल्स डिकेंस के नोट्स में एक और बधिर-दृष्टिबाधित स्त्री लौरा ब्रिजमैन की सफल शिक्षा के संबंध में पढ़ा। इस संबंध में हेलेन के माता पिता ने और सूचनाएं जुटानी शुरु की। वे बधिर बालकों से संबंधित स्कूलों में जाने और चिकित्सकों से मिलने लगे।
मई, १८८८ में हेलेन पर्किन्स दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (पर्किंस इंस्टिट्यूट फॉर द ब्लाइंड) में दाखिल हुई। १८९४ में, वह अपनी सहायिका ऐनी सुलिवान के साथ राइट-ह्यूमेसन मूक-बधितार्थ विद्यालय में दाखिल होने के लिए और होरेस मैन बधितार्थ विद्यालय की सारा फुलर से सीखने के लिए न्युयार्क चली आई। १८९६ में, वे मैसाचुसेट्स लौट गईं। वहाँ केलर ने कैंब्रिज स्कूल फॉर यंग लेडी में और फिर १९०० में रैडक्लिफ कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां वे ब्रिग्स हॉल, दक्षिण हाउस में रहती थीं। २४ वर्ष की अवस्था में १९०४ में कला स्नातक की डिग्री हासिल करने वाली वह पहली दृष्टिबाधित-बधिर बनीं। ऑस्ट्रिया के दार्शनिक और शिक्षाविशारद विल्हेम यरूशलेम के साथ उनका पत्राचार चलता रहा जिन्होंने पहले-पहल हेलेन की साहित्यिक प्रतिभा को पहचाना।

दूसरों के साथ पारंपरिक संवाद संभव करने के लिए प्रतिबद्ध हेलेन ने ने बातचीत करना सीखा और बाद में उनके जीवन का अधिकांश समय भाषण और व्याख्यानों में बीता। होठों को स्पर्श कर लोगों की बात समझने का हुनर सीखना उनकी अद्भुत स्पर्श क्षमता का प्रमाण था। केलर ने ब्रेल तथा हाथों के स्पर्श से सांकेतिक भाषा समझने में भी महारथ हासिल कर ली थीl
mark me as brainlest

Harshita227april: and other Qs
Harshita227april: plz ans it
bandgar110: ans of 5. यदि आप के चंद मीठे बोलों से
किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है

यदि आप के द्वारा किसी की
पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है

यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें
कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह भी अन्न दान है।

आपका दिन मंगलमय हो!!

बेबसी और बेक़सी का किस्सा भी अजीब है…!
कोई बासी होने पर रोटी नहीं खाता,
किसी को बासी होने तक रोटी नहीं मिलती……

bandgar110: sorry its wrong
Harshita227april: what
Harshita227april: this ans is wrong
bandgar110: no tis ans is right
bandgar110: i was writing another one an i delete that ans this is right
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