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WHO के अनुसार धूम्रपान की वजह से हर साल लगभग 60 लाख लोग मारे जा रहे हैं और इनमें से अधिकतर मौतें कम तथा मध्यम आय वाले देशों में हो रही हैं। WHO ने पनामा में एक सम्मेलन में अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वर्ष 2030 में प्रति वर्ष धूम्रपान की वजह से मारे जाने लोगों की संख्या बढ़कर 80 लाख हो जाएगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 92 देशों के 2.3 अरब लोगों को धूम्रपान पर किसी न किसी तरह लगाए गए प्रतिबंधों से लाभ हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 में तंबाकू की वजह से होने वाली अनुमानित मौतों में से लगभग 80 प्रतिशत मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में ही होंगी। मतलब साफ़ है कि आने वाले समय में इनमें से सबसे ज़्यादा नुकसान भारत को ही होने जा रहा है।
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