Hindi, asked by lucaskale631, 2 months ago

please answer, I'll mark BRAINLIEST, class 10 hindi...
निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
क) जार्ज पंचम की नाक पाठ के आधार पर बताइए कि वर्तमान मीडिया नैतिकता से दूर कैसे हो गया है ?
ख) 'साना-साना पाठ के आधार पर बताइए कि हम किसी पर्यटन स्थल को प्रदूषण मुक्त कैसे रख सकते हैं

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Answered by bsriveera
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Answer:

जॉर्ज पंचम की लाट पर नाक को पुनः लगाने के लिए भारत देश के सभी नेताओं की नाकों का नाप लिया गया | उन सबकी नाक जॉर्ज पंचम की नाक से बड़ी निकली | इसके बाद सन बयालीस में बिहार के सेक्रेटरिएट के सामने शहीद हुए बच्चों की स्थापित मूर्तियों की नाकों को भी नापा गया, परंतु वे सभी बड़ी थीं। इस कथन का अभिप्राय यह है कि जॉर्ज पंचम-गांधी, पटेल, गुरुदेव रवींद्र नाथ, सुभाष चंद्र बोस, आज़ाद, बिस्मिल, नेहरू, लाला लाजपतराय, भगत सिंह की तुलना में नगण्य था। अर्थात् यह कहा जा सकता है कि जॉर्ज पंचम का सम्मान देश के महान नेताओं और शहीद हुए बच्चों के समक्ष कोई मायने नहीं रखता |

जार्ज पंचम की नाक हमारे देश के नेता दादाभाई नौरोजी, गोखले, तिलक, शिवाजी, गाँधी, पटेल, महादेव देसाई, रवींद्रनाथ, सुभाष, राजाराममोहन,चन्द्रशेखर आजाद, बिस्मिल, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय ,सत्यमूर्ति, लाला लाजपत राय तथा भगतसिंह की नाक से नाप में हर प्रकार से छोटी निकली |

हमारे देश के देशभक्तों एवं शहीदों में देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी हुई थी। इनके जीवन के मूल्य अनुकरणीय हैं, जो निम्नलिखित है : –

देशभक्ति की प्रबलता,

स्वावलंबन,

आत्मनिर्भरता,

राष्ट्र के स्वाभिमान का ध्यान,

गुलामी की मानसिकता का त्याग,

राष्ट्र की पुकार में शामिल,

दृढ़ निश्चय,

राष्ट्रहित सर्वोपरि की समझ।

ये समस्त मूल्य अनुकरण करने योग्य हैं। हमें अपने शहीदों का सदैव सम्मान करना चाहिए जिनके कारण हमें यह आजादी प्राप्त हुई है।

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