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पुस्तकों का संसार ज्ञान का संसार है, इस बात में कोई संदेह नहीं है। पुस्तकों में असीमित ज्ञान समाया हुआ है। आज भले ही तकनीक की उन्नति ने लोगों को पुस्तकों से थोड़ा दूर कर दिया हो और वो पुस्तकों का विकल्प मोबाइल, टैबलेट, ई-बुक रीडर आदि में देखने लगे हों। इंटरनेट पर जानकारी तलाशते हों, लेकिन पुस्तकों का महत्व आज भी बना हुआ है।
पुस्तक ज्ञान और मनोरंजन का बेहतरीन साधन रही हैं। तकनीकी साधनों ने तो अभी हाल फिलहाल में ही उन्नति की है, इसमें कोई ज्यादा समय नहीं हुआ है जबकि पुस्तकें तो बहुत पुराने समय से हैं और हमारा सारा ज्ञान पुस्तकों के माध्यम से ही आया है। हमारे मनोरंजन का साधन भी पुस्तकें ही थीं। आज भी पुस्तकें ज्ञान का एक विश्वसनीय साधन है। कोई भी जानकारी हासिल करने के लिये पुस्तकें ही काम आती है। जबकि इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी उतनी विश्वसनीय नहीं होती।
आप किसी भी बुद्धिजीवी और प्रसिद्ध व्यक्ति जो विद्वान और महान विचारक रहा हो, अगर उसके जीवनवृत्त पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि वह व्यक्ति पुस्तकों का प्रेमी अवश्य रहा है। कोई भी विद्वान, विचारक, बुद्धिजीवी पुस्तकों के बिना विद्वता के ऊँचे स्तर तक पहुँच ही नही पाता। बड़े बड़े महापुरुष ने अपने जीवन के उत्थान में पुस्तकों की भूमिका और महत्व को स्वीकार किया है।
पुस्तकें ज्ञान के रूप में हमारी गुरु रही हैं, मनोरंजन के रूप में दोस्त रही हैं। चरित्र निर्माण के रूप में मार्गदर्शक रही हैं। किसी विषय को पुस्तक के रूप में पढ़ने में जो आनंद मिलता है वो मोबाइल, कम्प्यूटर या ई-बुक रीडर पर पढ़ने में नही मिलता है।
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पुस्तक हमारे जीवन का संसार ज्ञान मनोरंजन का भंडार है यह हमें ज्ञान देती है यह हमारी दोस्त होती है खाली समय में हमारा मनोरंजन भी करती है पुस्तके हमें सफलता की ओर ले जाती है पुस्तक के बगैर ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है पुस्तक प्रेरणा का भंडार होती है इन्हें पढ़कर ही हमें जीवन में महान कार्य करने की प्रेरणा मिलती है