Hindi, asked by rishika9335, 1 year ago

please answer it according to class third​

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Answered by tripathiji81
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आप जानते हैं कि इन तीनों बंदरों का नाम बापू के साथ कैसे जुड़ा? माना जाता है कि ये बंदर चीन से बापू तक पहुंचे। दरअसल, देश- विदेश से लोग अक्सर सलाह लेने के लिए महात्मा गांधी के पास आया करते थे।

मिजारू बंदर : इसने दोनों हाथों से आंखें बंद कर रखी हैं, यानी जो बुरा नहीं देखता।

किकाजारू बंदर : इसने दोनों हाथों से कान बंद कर रखे हैं, यानी जो बुरा नहीं सुनता।

इवाजारू बंदर : इसने दोनों हाथों स मुंह बंद कर रखा है, यानी जो बुरा नहीं कहता।

चीन से आए ये बंदर

एक दिन चीन का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने आया। बातचीत के बाद उन लोगों ने गांधी जी को एक भेंट देते हुए कहा कि यह एक बच्चे के खिलौने से बड़े तो नहीं हैं लेकिन हमारे देश में बहुत ही मशहूर हैं। गांधी जी ने तीन बंदरों के सेट को देखकर बहुत खुश हुए। उन्होंने इसे अपने पास रख लिया और जिंदगी भर संभाल कर रखा। इस तरह ये तीन बंदर उनके नाम के साथ हमेशा के लिए जुड़ गए। माना जाता है कि ये बंदर बुरा न देखो, बुरा न सुनो, बुरा न बोलो के सिद्धांतों को दर्शाते हैं।

जापान से भी नाता

गांधीजी के इन तीन बंदरों को जापानी संस्कृति से भी जोड़ा जाता है। 1617 में जापान के निक्को स्थित तोगोशु की समाधि पर यही तीनों बंदर बने हुए हैं। माना जाता है कि ये बंदर चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस के थे और आठवीं शताब्दी में ये चीन से जापान पहुंचे। उस वक्त जापान में शिंटो संप्रदाय का बोलबाला था। शिंटो संप्रदाय में बंदरों को काफी सम्मान दिया जाता है। जापान में इन्हें 'बुद्धिमान बंदर' माना जाता है और इन्हें यूनेस्को ने अपनी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया है। वैसे, इन तीन बंदरों के प्यार से नाम भी हैं।

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rishika9335: it is too long for class 3rd I need short one and easy one
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