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12-क - मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही ना हो, इसके लिए हमारा मन किसी विशेष लक्ष्य से पूर्ण होना चाहिए। जिसमें, किसी और क्षेत्र के बारे में सोचने या चर्चा करने के लिए फिज़ूल समय ना हो। ऐसी, स्थिति में हमारा मन केवल हमारे लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए।
ख-पक्षी उन्मुक्त रहकर बहता हुआ शीतल जल पीना, कड़वे निबौरी के फल खाना, पेड़ की सबसे ऊंची टहनी पर झुलना, खुले आसमान में उड़ना तथा क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं!
ग-दारा अपने बॉक्स मैं सूट रखता था, जो चरवाहे पहनते थे . वो सूट इसलिए रखता था क्यूंकि वो एक चरवाहा था वो एक ईमानदार चरवाहा था इसलिए वो अपने बॉक्स मैं सूट रखता था ताकि वो याद रख सके की वो चरवाहा है .
घ-यदि आप पंछी बनकर खुले गगन मे घूमते है तो - धरती का नज़ारा मुझे बहोत अच्छा लगता है - दुनिया से दूर अरमान से मैं सबको देखता! सारी दुनिया की मोह - माया से दूर मैं अपने अकेले ऊचाईयों मे उड़ता!
मैं आजादी को महसूस करता, आजादी से घूमने मे अलग मजा है! एक स्थान से दूसरे स्थान मे जाने के मजे लेता! बिना किसी की रोक - टोक मैं घूमता! मैं पंछियों की जीवन को महसूस करता!
ङ- शाह ने दारा को गवर्नर को बनाकर इसलिए भेजा क्यूँकी वहाँ का शाशन बिगड़ रहा था - इस वजह से अराजकता फैल गई थी - शाह उस प्रांत के हालात ठीक करना चाहता था - जिसे दारा जैसे कोई नहीं एक समझदार शासक कर सकता था!
व्याख्या - हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी पंछी के माध्यम से मनुष्य जीवन में स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाया है। कविता में पंछी अपनी व्यथा का वर्णन करता हुआ कहता है कि हम पंछी स्वतंत्र आकाश में उड़ने वाले हैं। ... हम भूखें प्यासे मर जाना पसंद करेंगे न कि पिंजड़े का गुलामी जीवन जीना
Explanation:
14- जिला अधिकारी, पटना
महत्पूर्ण सूचना आप तमाम जनता के लिए,
हमे Corona Virus के प्रकोप से बचाव के लिए क्या करना चाहिए!
आइए आपको बताते है कि - हमारे देश के डॉक्टर का क्या सुझाव है!
डॉक्टर का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए कच्चे मांस के सेवन निश्चित रूप से बचना चाहिए, सफाई के लिए अपने हाथों को लगातार धोते रहें, हाथ गंदे नहीं होने पर भी उसे धोए! हाथ धोने के बाद टिशू का प्रयोग कर उसे पोंछ ले! छींकने और खांसने के दौरान अपने मुह पर हाथ रखे!
विश्व स्वस्थ संघठन ने कोरोना Virus से निपटने के लिए साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा है!
जो लोग छींक रहे हो उनसे दूरी बनाकर रखे!
लोगों को बार - बार अपने चेहरे, नाक और आँखों को छूने से बचे!
लोगों को एक - दूसरे से दूर रहने, वर्क फॉर्म होम करने और सार्वजनिक स्थान पर भीड़ नहीं बढ़ाने की सलाह दी गई है!
जिला दंडाधिकारी - पटना
आपकी सुरक्षा मेरी जिम्मेवारी - द्वारा जनहित मे जारी!
15- नगर निगम,
लखनऊ।
विषय: मोहल्ले में सफाई के संबंध में।
महोदय,
हम वार्ड 13 के निवासिगण, इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान मोहल्ले में सफाई संबंधी दुर्व्यवस्था की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। इस वार्ड के लोग यहां के गंदगी के कारण बहुत परेशान है।
हमारे मोहल्ले में पिछले कई दिनों से कोई भी सफाई कर्मचारी नही आ रहा है। जिसके कारण सड़कों के किनारे गंदगी के ढेर जमा हैं। हर जगह नालियां बंद हैं जिसकी वजह से गंदा पानी सड़क पर फैल जाता है फिर उसमें मच्छर पनपने लगते हैं। इससे बुखार, मलेरिया आदि बीमारियाँ होने का खतरा बना हुआ है।
कूड़ा-कचरा इकट्ठा होने के कारण सड़कों पर बदबू आती है। दूषित और दुर्गंध वातावरण के कारण सड़क से गुजरना भी मुश्किल हो गया है।
अतः आपसे अनुरोध है कि हमारे मोहल्ले का निरीक्षण कर जल्द से जल्द सफाई करवाई जाए और उचित कार्यवाही कर नियमित सफाई की व्यवस्था भी की जाए। इसके लिए समस्त वार्ड वासी आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद,
समस्त निवासीगण,
वार्ड संख्या – 13 (अपना वार्ड संख्या लिखे)
मोहल्ला: (अपने मोहल्ले का नाम लिखे)
शहर (अपने शहर का नाम लिखे)
दिनांक: ……. (दिनांक डाले)
16-मित्रता पर अनुच्छेद लेखन
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मित्रता पर निबंध (Mitrata) | Essay on Friendship in Hindi
मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है। हीरे-मोती या सोने-चाँदी से भी नहीं। मैत्री की महिमा बहुत बड़ी है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मैत्री निभाता है। जो केवल सुख में साथ होता है, उसे सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। साथ-साथ खाना-पीना, सैर, पिकनिक का आनंद लेना सच्ची मित्रता का लक्षण नहीं। सच्चा मित्र तो दीर्घ काल के अनुभव से ही बनता है। सच्ची मित्रता की बस एक पहचान है और वह है-विचारों की एकता। विचारों की एकता ही इसे दिनोंदिन प्रगाढ़ करती है। सच्चा मित्र बड़ा महत्त्वपूर्ण होता है।
जहाँ थाह न लगे, वही बाँह बढ़ाकर उबार लेता है। मित्रता करना तो आसान है, लेकिन निभाना बहुत ही मुश्किल। आज मित्रता का दुरुपयोग होने लगा है। लोग अपने सीमित स्वार्थों की पूर्ति के लिए मित्रता का ढोंग रचते हैं। मित्र जो केवल काम निकालना जानते हैं, जो केवल सख के साथी हैं और जो वक्त पड़ने पर बहाना बनाकर किनारे हो जाते हैं. वे मित्रता को कलंकित करते हैं। मित्रता जीवन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव है।
यह एक ऐसा मोती है, जिसे गहरे सागर में डूबकर ही पाया जा सकता है। मित्रता की कीमत केवल मित्रता ही है। सच्ची मित्रता जीवन का वरदान है। यह आसानी से नहीं मिलती। एक सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात होती है। सच्चा मित्र मनुष्य की सोई किस्मत को जगा सकता है और भटके को सही राह दिखा सकता है।
Marks as brainlist
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