Hindi, asked by PranayDwivedi09, 11 months ago

Please answer me fast and correct its urgent.​

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Answered by riyanksapariya
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1 मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरे सामने भीम से युद्ध करने वाला, द्रौपदी का अपमान करने वाला, संसार के सबसे महान युद्ध का सबसे बड़ा खलनायक दुर्योधन बैठा है

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चौसर का खेल और द्रौपदी चीरहरण | Dice Game and Draupadi Vastrharana

चौसर का खेल और द्रौपदी चीरहरण | Dice Game and Draupadi Vastrharana

युधिष्ठिर पांड्वो में सबसे समझदार था और उसे धर्मराज कहते थे | धर्मराज युधिष्ठिर ने कौरवो और पांड्वो के बीच विवाद खत्म करने के लिए अपने भाइयो को कहा “भाइयो मै युद्ध की संभावनाओ को समाप्त करने के लिए प्रतिज्ञा लेता हु कि मै तेरह वर्ष तक अपने भाई बंधुओ से विवाद नही करूंगा और आपस में मनमुटाव नही होने दूंगा , अपने कौरव भाइयो और दुर्योधन की बाते कभी नही टालूंगा और सदैव उनके खे अनुसार काम करूंगा “| युधिष्ठिर की इस प्रतिज्ञा पर सभी भाई सहमत हो गये थे |

दुसरी तरफ दुर्योधन पांड्वो के वैभव से इर्ष्या कर रहा था कि उसने पड़ोसी राज्यों से मित्रता कर अपने साम्राज्य का विस्तार कर दिया | अब उसने अपनी बैचेनी को अपने मामा शकुनि को बताई | शकुनि ने भी दुर्योधन को पांड्वो के विरुद्ध ना जाने की सलाह दी और कहा “दुर्योधन तुम इतना चिंतित क्यों हो रहे है तुम्हारे पास इतना सारा साम्राज्य है तो तुम्हे पांड्वो से इर्ष्या क्यों है तुम्हारे पक्ष में भीष्म पितामह ,द्रोणाचार्य और अस्व्थामा जैसे शूरवीर हैजिनकी सहायता से तुम विश्व विजयी बन सकते हो , फिर भी तूम इतने दुखी क्यों हो ” |

Answered by TejasviJaiswal
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hopefully it help you.....

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