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आपका उत्तर:-
(क) किसी वस्तु, स्थान, प्राणी, व्यक्ति तथा भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के तीन भेद होते हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा - संज्ञा जो किसी प्रत्येक वस्तु, स्थान ,प्राणी, व्यक्ति का बोध कराती है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- ताजमहल, आगरा।
- जातीवाचक संज्ञा - संज्ञा जो किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी का बोध कराती है उसे जातिवाचक संज्ञा बोलते हैं। जैसे - मोर, गली।
- भाववाचक संज्ञा - क्या जो किसी भाव का बोध कराती है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- बुढ़ापा, खुशी।
(ख) गांधी जी ने बोला करो या मरो।
इधर गांधीजी जातिवाचक हुए भी एक विशेष आदमी का कार्य कर रहे हैं। तो यहा व्यक्तिवाचक संज्ञा बोली जा सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह एक व्यक्ति कि तरह है। इस तरह जातिवाचक संज्ञा व्यक्तिवाचक संज्ञा में बदल जाती है।
(ग) गणेश और हनुमान की हमने बहुत बातें सुनी है।
इधर गणेश और हनुमान व्यक्तिवाचक होते हैं। तू इन्हें जातिवाचक ही कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह अनेक व्यक्तियों की तरह है। इस तरह व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक में बदल जाती है।
(घ) एक शब्द से ही भाव वाचक संज्ञा बनाई जा सकती है। जैसे -
- बूढ़ा - बुढ़ापा
- बचचा - बचपन
- सुख - सुखी
- मम - ममता
इस तरह कई और शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाई जा सकती है।
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