please answer my questionसतत प्रवाहमान !
जीवन की पहचान।
मैं एक गीली हलचल हूँ,
मेरे स्वर में कल-कल है
मैं जल हूँ!
सिंधु यानी
धरती पर सभ्यताओं का
आदि बिंदु ।
मेरे ही किनारे पर
संस्कृतियों ने साँस ली
मेरे ही.तटों.प्रा.
इंसानियत के यज हुए
गति कभी मुंद्र ना हुई मेरी
गति में चंचल.
पर भावना में अचल हूँ।
२
oper passage hai
आकृति पूर्ण कीजिए।
1 .)सिंधु के जल की गति
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takeo bhi Allah se bolo nickle paheli woor sat me nickle
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