please answer the first one
Answers
Answer:
don't know bro sorry
Explanation:
please Mark me brainiest
अरुणिमा सिन्हा भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने एवरेस्ट पर चढ़ाई की। इनका जन्म 1988 को हुआ। भारत के राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वॉलीबाल खिलाड़ी तथा एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय दिव्यांग है। अरुणिमा एक कायस्थ परिवार से हैं। वह उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के निवासी हैं और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ( सी आई एस एफ) मैं हेड कांस्टेबल के पद पर 2012 से कार्य हैं।
12 अप्रैल 2011 को लखनऊ से देहरादून जाते समय उसके बैग और सोने की चेन खींचने के प्रयास में कुछ अपराधियों ने बरेली के निकट कदमवादी एक्सप्रेस से अरुणिमा को बाहर फेंक दिया जिसके कारण वह अपना एक पैर गवा बैठी थी।
अपराधियों द्वारा चलती ट्रेन से फेंक दिए जाने के कारण एक पैर गवार चुकने के बावजूद अरुणिमा ने गजब के जीवन का परिचय देते हुए 21 मार्च 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (29028 फुट) कोफ्ते कर एक नया इतिहास रखते हुए ऐसा करने वाली पहली विकलांग भारतीय महिला होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। ट्रेन दुर्घटना से पूर्व उन्होंने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य की वॉलीबॉल और फुटबॉल टीम में प्रतिनिधित्व किया है।
उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर जिले के भारत भारतीय संस्था ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली इस विकलांग महिला को पुत्र रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जाने की घोषणा की। सन 2016 में अरुणिमा सिन्हा को अंबेडकरनगर रत्न पुरस्कार से अंबेडकर नगर महोत्सव समिति की तरफ से नवाजा गया।
यह है अरुणिमा सिन्हा की जीवन यात्रा।
Actually it's too long but I hope it helps you...