please answer the question, if not seen then download the pic.
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photos aap paste kar lena neeche maine anuchhed de diya hai....MARK AS BRAINLIEST...
चिड़ियाघर में प्रत्येक पशु एवं पक्षी को रखने का स्थान उसकी रूचि, स्वभाव एवं जरूरत के अनुसार प्राकृतिक बनाने का प्रयास किया जाता है। प्रत्येक पशु पक्षी को उसकी रूचि का सन्तुलित आहार दिया जाता है। उनके स्वास्थ की समय समय पर जाँच की जाती है।
चिड़ियाघर को प्राणी उद्यान भी कहते हैं। चिड़ियाघर छोटे बच्चों के लिये एक मनोरंजन स्थल है और बड़े विद्यार्थियों के लिये यहाँ तक ज्ञान अर्जन करने की बहुत सी सम्भावनायें छुपी हुई हैं।
मथुरा रोड पर स्थित दिल्ली का चिड़ियाघर बहुत ही बढ़िया उद्यान है। यहाँ का वातावरण बिल्कुल शान्त और प्राकृतिक है। पशु पक्षियों को प्राकृतिक परिवेष देने के लिये यहाँ जंगल, घने पेड़ पौधे, पहाड़ियाँ व खुला मैदान सभी कुछ है।
दिल्ली के चिड़ियाघर को देखने के लिये एक पूरा दिन चाहिये, क्योंकि यहाँ पर पशु पक्षियों की संख्या बहुत अधिक है। देश विदेश के पशु पक्षियों को अलग अलग पिंजरों में रखा गया है। सभी के नाम, जन्म स्थान एवं खान पान की आदतों इत्यादि के विषय में जानकारी दी गयी है।
प्रवेश मार्ग के दोनों ओर तालाब में बतखें, सारस, जलमुर्गियाँ आदि जलचरों को क्रीड़ करते देखा जा सकता है। सैकड़ों रंग बिरंगी, छोटी बड़ी, देश विदेशी चिड़ियाँ, तोते, मोर, कबूतर, उल्लू आदि चिड़ियाघर के पिंजरों में देखे जा सकते हैं।
शेर की मांद को बहुत खुल वातावरण में बनाया गया है। दर्शकों की सुरक्षा के लिये शेर को रखने की जगह के चारों ओर गहरी खाई बनायी गयी है। शेर शेरनी को टहलते देखना रोमांचक है। सफेद शेर भी चिड़ियाघर की शोभा बढ़ाता है।
खुल मैदान जैसे पिंजरों में हिरन कुलांचे भरते हैं। कंगारू, नील गाय, जेबरा, शुतुरमुर्ग सभी कुछ तो है यहाँ पर।
स्बसे अधिक आनन्द बंदरों को देखने में आता है। काले लंगूर, चिम्पैंजी सभी को देखने का अपना अलग आकर्षण है। यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है- दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ, गेंडे। किन्तु सारा एक ही दिन में नहीं देखा जा सकता। कुछ न कुछ रह ही जाता है। जिससे एक बार और आने की चाह बनी रहती है। चिड़ियाघर प्राणी उद्यान में पशु पक्षियों के साथ छेड़खानी करना तथा उन्हें कुछ खिलाना पिलाना सख्त मना है।
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