Hindi, asked by durvabade10, 1 month ago

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Answered by priyashathb831
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साहित्य और जीवन पर निबंध | Essay on Literature and Life in Hindi!

साहित्य समाज का दर्पण है । एक साहित्यकार समाज की वास्तविक तस्वीर को सदैव अपने साहित्य में उतारता रहा है । मानव जीवन समाज का ही एक अंग है ।

मनुष्य परस्पर मिलकर समाज की रचना करते हैं । इस प्रकार समाज और मानव जीवन का संबंध भी अभिन्न है । समाज और जीवन दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं । आदिकाल के वैदिक ग्रंथों व उपनिषदों से लेकर वर्तमान साहित्य ने मनुष्य जीवन को सदैव ही प्रभावित किया है ।

दूसरे शब्दों में, किसी भी काल के साहित्य के अध्ययन से हम तत्कालीन मानव जीवन के रहन-सहन व अन्य गतिविधियों का सहज ही अध्ययन कर सकते हैं या उसके विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । एक अच्छा साहित्य मानव जीवन के उत्थान व चारित्रिक विकास में सदैव सहायक होता है ।

साहित्य से उसका मस्तिष्क तो मजबूत होता ही है साथ ही साथ वह उन नैतिक गुणों को भी जीवन में उतार सकता है जो उसे महानता की ओर ले जाते हैं । यह साहित्य की ही अद्‌भुत व महान शक्ति है जिससे समय-समय पर मनुष्य के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलते हैं ।

साहित्य ने मनुष्य की विचारधारा को एक नई दिशा प्रदान की है । दूसरे शब्दों में, मनुष्य की विचारधारा परिवर्तित करने के लिए साहित्य का आश्रय लेना पड़ता है । आधुनिक युग के मानव जीवन व उनसे संबंधित दिनचर्या को तो हम स्वयं अनुभव कर सकते हैं परंतु यदि हमें प्राचीन काल के जीवन के बारे में अपनी जिज्ञासा को पूर्ण करना है तो हमें तत्कालीन साहित्य का ही सहारा लेना पड़ता है ।

वैदिक काल में भारतीय सभ्यता अत्यंत उन्नत थी । हम अपनी गौरवशाली परंपराओं पर गर्व करते हैं । तत्कालीन साहित्य के माध्यम से हम मानव जीवन संबंधी समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा उन जीवन मूल्यों का अध्ययन कर सकते हैं जिन्हें आत्मसात् करके तत्कालीन समाज उन्नत बना ।

इस प्रकार जीवन और साहित्य का अटूट संबंध है । साहित्यकार अपने जीवन में जो दु:ख, अवसाद, कटुता, स्नेह, प्रेम, वात्सल्य, दया आदि का अनुभव करता है उन्हीं अनुभवों को वह साहित्य में उतारता है । इसके अतिरिक्त जो कुछ भी देश में घटित होता है जिस प्रकार का वातावरण उसे देखने को मिलता है उस वातावरण का प्रभाव अवश्य ही उसके साहित्य पर पड़ता है ।

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Answered by srishti1180
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Answer:

साहित्य किसी संस्कृति का ज्ञात कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए भक्तिकाल के सहित्य से हमें हिन्दुओ के धार्मिक परंपराओं की जानकारी मिलती है। किसी भी काल का अध्ययन से हम तत्कालीन मानव जीवन के रहन-सहन व अन्य गतिविधियों को आसानी से जान सकते हैं। साहित्य से हम अपने विरासत के बारें में सीख सकते हैं।

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