Art, asked by rabiamubeen03, 11 hours ago

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Answered by rajeshpal1990us
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Darji aur Hathi ki Kahani: एक गावं में एक दर्जी रहता था जिसका नाम मुस्तफा था। वह बहुत दयालु स्वभाव का परिश्रमी व्यक्ति था। जब वह अपनी दुकान पर कपड़े सिलता रहता था तो उसकी दुकान पर एक हाथी प्रतिदिन आकर खड़ा हो जाता था। दर्जी रोज हाथी को कुछ न कुछ खाने को देता था इसलिए हाथी नियमित रुप से प्रतिदिन दर्जी की दुकान में आने लगा था। मुस्तफा दर्जी की दुकान से वापस लौटता हाथी एक दिन दर्जी को किसी काम से बाहर जाना पड़ा वह उस दिन अपनी दुकान पर बैठ नही पाया तो उसने अपने लड़के से दुकान पर बैठने के लिए कहा और उसका लड़का उस दिन दुकान पर जा कर बैठ गया। लड़के ने दुकान खोली तो हाथी रोज की तरह उस दिन भी दुकान के पास आकर खड़ा हो गया। दर्जी का बेटा बहुत शैतान था हाथी ने जैसे ही उसकी तरफ अपनी सूँड बढ़ाई तो लड़के ने हाथी की सूँड में सुई चुभा दी। हाथी जोर से चिंघाडा और बहुत गुस्सा होकर वहा से चला गया उसके बाद हाथी एक तालाब पर गया और उसमें से गंदा पानी अपनी सूँड में भरकर दर्जी की दुकान पर लौट आया। लड़के ने हाथी को अपनी दुकान की ओर आते देखकर मन ही मन सोचा, यह फिर आ गया अबकी बार इस हाथी की सूँड में इतनी जोर से सुई चुभाऊँगा कि फिर यह इस तरफ नहीं आयेगा। हाथी जैसे ही दुकान पर पहुँचा तो उसने अपनी सूँड का सारा गंदा पानी उस लड़के पर उंडेल दिया। दर्जी की दुकान में रखे सब कपड़े भी गंदे हो गये और इससे दर्जी को बहुत नुकसान भी हो गया। फिर लड़के को ये सब देखकर अपने किये पर बहुत पछतावा होने लगता है। कहानी की सीख सूंड में भरा कीचड़ दर्जी के ऊपर फेकता हाथी “दोस्तों वो कहते है न जैसी करनी वैसी भरनी ऐसा ही कुछ उस दर्जी के बेटे के साथ हुआ, अच्छा करोगे तो अच्छा पाओगे,बुरा करोगे तो बुरा ही पाओगे”

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