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जब हम वाच्य परिवर्तन करेंगे तो तीन चीजों का विशेष ध्यान रखना है। इन तीन चीजों के बाहर कुछ भी नहीं है। ये तीन चीजें हैं
कर्ता, कर्म और क्रिया
सबसे पहले हम कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाना सीखते हैं। उदाहरण से समझेंगे तो आसानी होगी।
उदा.:-त्वया किं क्रियते ।
मान लीजिये यह उदाहरण है जो कि कर्मवाच्य में दिया गया है। जब इसे कर्तृवाच्य में बदलते हैं तो यह कुछ इस प्रकार बनेगा।
त्वं किं करोषि ।
अब समझने की बात यह है कि कहां परिवर्तन हुआ है और वह परिवर्तन कया है।
समझने के लिए दोनों वाकयों को एक साथ लिखते हैं:-
त्वया किं क्रियते ।
त्वं किं करोषि ।
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