CBSE BOARD XII, asked by themaria795, 9 months ago

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Answered by pandeynikhil07p96eey
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प्रदेश में मंगलवार से सभी तरह की पॉलीथिन कैरीबैग (पैकेजिंग मटेरियल को छोड़कर) पर रोक लग जाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा पॉलीथिन और प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के तीसरे चरण में प्रदेश में सभी तरह की पॉलीथिन के प्रयोग, निर्माण, बिक्री, वितरण, भंडारण, परिवहन, आयात व निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया है।

मंगलवार से प्रदेश में 50 माइक्रॉन से अधिक मोटाई वाली पॉलीथिन का भी इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। पहले चरण में 15 जुलाई से सिर्फ 50 माइक्रॉन तक ही पॉलीथिन को प्रतिबंधित किया गया था और दूसरे चरण में 15 अगस्त से थर्माकोल से बने सामानों को प्रतिबंधित किया गया था। नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों को इस संबंध में आदेश भेजकर अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

बता दें कि सरकार की घोषणा के मुताबिक प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से पॉलीथिन व थर्माकोल के प्रयोग, निर्माण, बिक्री, वितरण, भंडारण, परिवहन, आयात व निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया था। इस संबंध में सरकार ने जुलाई में ही अधिसूचना जारी कर दी थी। इसके मुताबिक तीसरे चरण में 2 अक्तूबर (गांधी जयंती) से प्रदेश भर में सभी तरह की पॉलीथिन को प्रतिबंधित किया जाना था।

प्लास्टिक एवं उससे बनी सामग्रियों जैसे प्लास्टिक बैग एवं पॉलीथिन आदि के प्रयोग से पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचने के लिए वर्ष 2000 में ‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) अधिनियम लागू किया गया था।

लेकिन इसके कमजोर प्रावधानों के चलते यह प्रभावी नहीं हो सका और न हीं पॉलीथिन पर प्रतिबंध ही लग सका। अब प्रदेश सरकार ने इस अधिनियम में दंड के प्रावधानों को और सख्त करके इसे लागू किया है।

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इन विभागों को होगा कार्रवाई का अधिकार

नगर विकास विभाग की अधिसूचना में प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार जिला प्रशासन, नगर निकाय, स्वास्थ्य, प्रदूषण नियंत्रण, वन, खाद्य एवं आपूर्ति, औद्योगिक विकास, खाद्य सुरक्षा व पर्यटन आदि विभाग को दिया गया है। जिला प्रशासन में नायब तहसीलदार तक को कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।

अधिकतम एक लाख तक जुर्माना व एक साल की होगी जेल

अधिनियम के मुताबिक 2 अक्तूबर के बाद पॉलीथिन व प्लास्टिक की सामग्री के प्रयोग पर प्रतिबंध का पहली बार उल्लंघन करने पर एक माह तक की सजा या न्यूनतम एक हजार और अधिकतम 10 हजार रुपये तक का अर्थदंड देना होगा। दूसरी बार के उल्लंघन पर छह माह की जेल या न्यूनतम 5 हजार व अधिकतम 20 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा। इसी तरह प्लास्टिक के कैरीबैग का विक्रय, वितरण, उत्पादन, भंडारण और परिवहन करने पर लगे प्रतिबंध का पहली उल्लंघन करने पर छह माह की जेल या न्यूनतम 10 हजार व अधिकतम 50 हजार तक का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार उल्लंघन पर एक वर्ष तक की सजा एवं न्यूनतम 10 हजार व अधिकतम एक लाख रुपये तक का अर्थदंड देना होगा।

निर्माण व भंडारण के खिलाफ होगी छापेमारी

नगर विकास विभाग के सचिव अनुराग यादव ने बताया कि मंगलवार के बाद यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सभी डीएम व नगर निकायों को प्रतिबंधित सामग्री के भंडारण, निर्माण, वितरण के खिलाफ मंगलवार से छापेमारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जिला प्रशासन, नगर निकाय, पुलिस व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीमें बनेंगी। छापा मारने वाली टीम मौके पर जुर्माना भी वसूलेंगी।

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