please answers this ..urgent
Attachments:
Answers
Answered by
0
Explanation:
रहीम जी कहते हैं कि क्षणिक आवेश में आकर प्रेम रुपी नाजुक धागे को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि एक बार अगर धागा टूट जाये तो पहले तो जुड़ता नहीं और अगर जुड़ भी जाए तो उसमे गांठ पड़ जाती है। अर्थ – रहीम जी कहते हैं कि बड़े के सामने छोटे को कभी कमतर नहीं समझना चाहिए
Similar questions