please anyone can explain me . मनुष्य अपना मित्र और शत्रु किस प्रकार से होता है !
Answers
Answered by
2
Answer:
जब हम अपने शरीर का ध्यान नहीं रखते और मन तनाव, क्रोध, अशांति,असंतोष, लोभ, मोह आदि विकारों में बना रहता है,बुद्धि संशयों से घिरी रहती है व व्यक्ति के अंदर मैं, मेरा व मेरे वाले का ही भाव बना रहता है ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक नज़रिये से नीचे की ओर गिरता चला जाता है और खुद ही अपना शत्रु बन जाता है। लेकिन जो अपने शरीर को स्वस्थ रखते हुए मन को एकाग्र व शांत कर, बुद्धि में विवेक जगाते हुए, सबकी भलाई का भाव रखते हुए, निरन्तर अपने आत्म भाव में आने के लिए प्रयास करता रहता है, वो स्वयं ही अपना मित्र बन जाता है, क्योंकि ऐसा व्यक्ति इस संसार समुद्र से अपना उद्धार करने वाला हो जाता है। अतः व्यक्ति को चाहिए कि वो दिनभर अपने से मित्र की तरह व्यवहार करे, शत्रु की तरह नहीं।
Similar questions