Hindi, asked by sammyjain2009, 5 months ago

Please can someone share a simple poem in hindi ​

Answers

Answered by bishtvineeta34
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Answer:

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई

फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं

सर हिमालय का हमने न झुकने दिया

मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर

जान देने की रुत रोज आती नहीं

हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे

वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं

आज धरती बनी है दुलहन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

कुर्बानियों की न वीरान हो

तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले

फतह का जश्न इस जश्न के बाद है

जिंदगी मौत से मिल रही है गले

बाँध लो अपने सर से कफन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

Answered by purumnithin
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Answer:

ख्वाहिशे आज फिर मुझसे रूठ गई

तनहा रातों में आज फिर आंसु बनकर बह गई

कुछ था जो वो मेरे कानों में आकर कह गई

की ये तो वक्त की कुछ साजिशें थी, जिसमें तु फिर से उलझ गई

वो क्या रूठी मुझे लगा मेरी जिंदगी ही रूठ गई

पर फिर उस सुलगती शाम में फिर अनगिनत ख्वाहिशें बुन गई

जब ख्वाहिशें मुझ से रूठी तो उस से घायल तो जरूर हुई

पर उसी ख्वाहिशों की उम्मीद में फिर से

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