Hindi, asked by gone65, 1 year ago

please dont spam

content quality ​

Attachments:

Answers

Answered by mathsdude85
5
उत्तर :

\textbf{वर्तुलाकार अर्थव्यवस्था}(circular economy) में वस्तुओं को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है उसका पुनः प्रयोग(Reuse)  और पुन: चक्रण (Recycle)हो सके। इस अर्थव्यवस्था में नई वस्तु के लिए कच्चा माल पुरानी वस्तु से ही प्राप्त की जाती है और जितना संभव हो सकता है वस्तु को पुनः प्रयोग कर दोबारा बनाया जाता है।

अगर हम भारतीय इस वर्तुलाकार अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को अपनाते हैं तो हम इस अर्थव्यवस्था के द्वारा पैसा बचा सकते हैं और कई गुना पैसा कमा सकते हैं। इस अर्थव्यवस्था से वस्तुओं को बनाने में लगने वाली लागत भी कम लगती है और प्रदूषण को भी नियंत्रित करता है।

3R’s का वर्तुलाकार अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक महत्व है। 3R’s जैसे कम उपयोग, पुनः प्रयोग और पुन: चक्रण । पुनर्चक्रण में प्लास्टिक ,कागज , धातु की वस्तुएं तथा ऐसे पदार्थों को पुन: चक्रण करके उपयोगी वस्तुओं को तैयार करना जैसे अखबार का कागज प्लास्टिक के कप आदि। पुनः उपयोग यह पुन: चक्रण से भी अच्छा तरीका है क्योंकि पुन: चक्रण में कुछ ऊर्जा खर्च होती है । पुनः उपयोग के तरीके में किसी भी वस्तु का बार-बार उपयोग किया जा सकता है। जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थों की पैकिंग में प्रयुक्त प्लास्टिक की बोतलें , डिब्बे आदि का पुनः उपयोग , रसोई घर में अन्य खाद्य पदार्थों को रखने में किया जा सकता है।

3R’s को बढ़ावा देने के लिए हमें उद्योगों की पहल करनी चाहिए जैसे - इको फ्रेंडली सैनिटरी नैपकिन, बायोडिग्रेडेबल शापिंग बैग, औद्योगिक कचरे से बनी फ्लाई ऐश ब्रिक्स (ash bricks) आदि।

वर्तुलाकार अर्थव्यवस्था में हम 3R’s के के द्वारा जल प्रदूषण को बहुत कम कर सकते हैं जैसे पुनः प्राप्त और पुनः प्रयोग के द्वारा गंदे पानी की गुणवत्ता को बनाए रखना, भूमि प्रदूषण रोक सकते हैं, वायु प्रदूषण से बचाव कर सकते हैं ,समुंद्री परिस्थितिक तंत्र की रक्षा कर सकते हैं।

\textbf{आशा है कि यह उतर आपकी मदद करेगा।।।}

abhay6275: mrk me qs brqinlirst
Similar questions