Please ek accha essay on ahinsa avm yuva par with prastavana for class 10
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अहिंसा और युवा दो विरोधाभासी शब्द हैं, क्योंकि युवा गर्मजोशी और उबलते खून से भरा होता है, जो जरा-जरासी बात पर उत्तेजित हो जाता है और हिंसा पर उतारू हो जाता है। इसलिए युवा और अहिंसा दो विपरीत और विरोधाभासी अर्थ लिए हुए हैं।
यह आवश्यक नहीं सारे युवा हिंसक ही होते हैं। किसी भी तरह की हिंसा किसी भी दृष्टि से उचित नहीं होती। अक्सर देखने में आया है कि युवा लोग आक्रामक अधिक होते है, उनमें जोश एवं उत्साह होता है। थोड़ी से किसी वाद-विवाद में छोटी सी बात पर उत्तेजित हो जाते हैं और हिंसक बन जाते हैं, क्योंकि उनके खून में उबाल होता है।
युवावस्था जोश का प्रतीक है वह उत्साह का प्रतीक है। कुछ कर गुजरने का अवस्था होती है। हिंसा के मायाजाल में उलझकर युवा अपने जीवन को गलत राह पर ले जा सकते हैं। जोश और उत्साह का तात्पर्य यह नहीं कि हिंसा भी की जाए।
हिंसा पर भी काबू पाया जा सकता है बशर्ते अगर अपने मन को नियंत्रण में रखा जाए। अपने क्रोध पर नियंत्रण स्थापित किया जाए। अगर युवा बात-बात पर हिंसा करने की बजाय अपने जोश और उत्साह तथा गर्मजोशी को सकारात्मक कार्यों में लगाएं तो वह न केवल समाज के हित का कार्य करेंगे बल्कि स्वयं के हित का भी कार्य करेंगे।