Hindi, asked by lavishahanda85, 9 months ago

please explain vyanjan Sandhi with niyam ​

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Answered by abhijitgupta2
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Answer:

व्यंजन संधि की परिभाषा------

जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

यानी जब दो वर्णों में संधि होती है तो उनमे से पहला यदि व्यंजन होता है और दूसरा स्वर या व्यंजन होता है तो उसे हम व्यंजन संधि कहते हैं।

व्यंजन संधि के नियम :

व्यंजन संधि के कुल 13 नियम होते हैं जो कि निम्न है :

नियम 1:

जब किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन किसी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण से या (य्, र्, ल्, व्, ह) से या किसी स्वर से हो जाये तो क् को ग् , च् को ज् , ट् को ड् , त् को द् , और प् को ब् में बदल दिया जाता है।

अगर व्यंजन से स्वर मिलता है तो जो स्वर की मात्रा होगी वो हलन्त वर्ण में लग जाएगी।

लेकिन अगर व्यंजन का मिलन होता है तो वे हलन्त ही रहेंगे।

उदाहरण :

क् का ग् में परिवर्तन :

वाक् +ईश : वागीश

दिक् + अम्बर : दिगम्बर

दिक् + गज : दिग्गज

ट् का ड् में परिवर्तन :

षट् + आनन : षडानन

षट् + यन्त्र : षड्यन्त्र

षड्दर्शन : षट् + दर्शन

त् का द् में परिवर्तन :

सत् + आशय : सदाशय

तत् + अनन्तर : तदनन्तर

उत् + घाटन : उद्घाटन

प् का ब् में परिवर्तन :

अप् + ज : अब्ज

अप् + द : अब्द आदि।

Answered by suveer007
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Answer:

व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। ब्यंजन संधि को संस्कृत में हल्् कहते हैं।

Explanation:

जब किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन किसी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण से या (य्, र्, ल्, व्, ह) से या किसी स्वर से हो जाये तो क् को ग् , च् को ज् , ट् को ड् , त् को द् , और प् को ब् में बदल दिया जाता है।

अगर व्यंजन से स्वर मिलता है तो जो स्वर की मात्रा होगी वो हलन्त वर्ण में लग जाएगी।

लेकिन अगर व्यंजन का मिलन होता है तो वे हलन्त ही रहेंगे।

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