please friends give its explanation. I will mark ur answer brainliest but it should be correct plz fast
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प्रसंग:प्रस्तुत पंक्तियां सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कविता पर्वत प्रदेश में पावस से ली गई है। इस कविता में कवि ने वर्षा ऋतु में हर पल बदलते हुए पर्वतीय प्रदेश की प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है।
व्याख्या:प्रस्तुत पंक्तियों से कवि यह बताना चाहता है कि पर्वत की चोटियों पर पेड़ उगे हुए थे जो पर्वत के हृदय से उठे हुए लगते थे। पर्वत की चोटियों पर उगे ऊंची ऊंची में पेड़ आकाश में जाते हुए ऐसे लग रहे थे मानो ऊंचा उठने की आकांक्षा से कोई व्यक्ति सब प्रकार की चिंताओं से मुक्त होकर निरंतर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा हो।
Hope it helps...
as u said Mark me as brainliast ..
Answer:
पर्वत के उपर से uth-uth कर
badi ashaon se ped(tree)
shant(quite) akash(sky) ko jhank rahe hai
khuch chinta pe jo atal aur animesh hai(problem which is fixed/SOLVED)
व्याख्या:प्रस्तुत पंक्तियों से कवि यह बताना चाहता है कि पर्वत की चोटियों पर पेड़ उगे हुए थे जो पर्वत के हृदय से उठे हुए लगते थे। पर्वत की चोटियों पर उगे ऊंची ऊंची में पेड़ आकाश में जाते हुए ऐसे लग रहे थे मानो ऊंचा उठने की आकांक्षा से कोई व्यक्ति सब प्रकार की चिंताओं से मुक्त होकर निरंतर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा हो।
I HOPE IT WILL HELP YOU...
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