Please Gimme Definition of Arthalankar and also of its types in short.
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alankar kisi bhi shabad ka sondarya ko badhane ke liya jin shabdo ko prayog kiya jata hai une alankar kehte hai
types shabad alankar ,artha. alankar.
shabad alankar ke din bhed hota hai.
anupras alankar
yamak alankar
shalash alankar
arth alankar ke bhed
upma alankar
rupak alankar
ayishokti alankar
anyokti alankar
utorakhsa alankar
punurukti prakash alankar
and ek hota hai manvikaran alankar
types shabad alankar ,artha. alankar.
shabad alankar ke din bhed hota hai.
anupras alankar
yamak alankar
shalash alankar
arth alankar ke bhed
upma alankar
rupak alankar
ayishokti alankar
anyokti alankar
utorakhsa alankar
punurukti prakash alankar
and ek hota hai manvikaran alankar
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HEYA!!!!!
Here is your answer Rehan Bhai :
______________________________
अर्थालंकार : जहाँ पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है।
अर्थालंकार के प्रकार ( मुख्य) :
==============
=> उपमा अलंकार
=> रूपक अलंकार
=> उत्प्रेक्षा अलंकार
=>स्वभावोती अलंकार
=> अतिशयोक्ति अहंकार
उपमा अलंकार :
============
जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
रूपक अलंकार :
===========
जहाँ पर उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे वहाँ रूपक अलंकार होता है।
उत्प्रेक्षा अलंकार :
===========
जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए। अथार्त जहाँ पर अप्रस्तुत को प्रस्तुत मान लिया जाए वहाँ पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
सस्वभावोती अलंकार :
===============
किसी वस्तु के स्वाभाविक वर्णन को स्वभावोक्ति अलंकार कहते हैं।
अतिशयोक्ति अलंकार :
===============
जब किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करने में लोक समाज की सीमा या मर्यादा टूट जाये उसे अतिश्योक्ति अलंकार कहते हैं।
HOPE THIS HELPS U...
Here is your answer Rehan Bhai :
______________________________
अर्थालंकार : जहाँ पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है।
अर्थालंकार के प्रकार ( मुख्य) :
==============
=> उपमा अलंकार
=> रूपक अलंकार
=> उत्प्रेक्षा अलंकार
=>स्वभावोती अलंकार
=> अतिशयोक्ति अहंकार
उपमा अलंकार :
============
जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
रूपक अलंकार :
===========
जहाँ पर उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे वहाँ रूपक अलंकार होता है।
उत्प्रेक्षा अलंकार :
===========
जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए। अथार्त जहाँ पर अप्रस्तुत को प्रस्तुत मान लिया जाए वहाँ पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
सस्वभावोती अलंकार :
===============
किसी वस्तु के स्वाभाविक वर्णन को स्वभावोक्ति अलंकार कहते हैं।
अतिशयोक्ति अलंकार :
===============
जब किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करने में लोक समाज की सीमा या मर्यादा टूट जाये उसे अतिश्योक्ति अलंकार कहते हैं।
HOPE THIS HELPS U...
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