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ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हो तो भीग जाया कर
दर्द सोना है दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कr
Explanation:
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हो तो भीग जाया कर
दर्द सोना है दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कr
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जाये
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जायेबिछड़ भी जायें तो हाथों में हाथ रह जाये
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जायेबिछड़ भी जायें तो हाथों में हाथ रह जायेअब इसके बाद का मौसम है सर्दियों वाला
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जायेबिछड़ भी जायें तो हाथों में हाथ रह जायेअब इसके बाद का मौसम है सर्दियों वालातेरे बदन का कोई लम्स साथ रह जाए
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जायेबिछड़ भी जायें तो हाथों में हाथ रह जायेअब इसके बाद का मौसम है सर्दियों वालातेरे बदन का कोई लम्स साथ रह जाएमैं सो रहा हूँ तेरे ख़्वाब देखने के लिये