Hindi, asked by swarnakumari2102, 1 day ago

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Answered by vy866955
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Explanation:

2. गंगा स्तुति

बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे

छोड़इत निकट नयन बह नीरे

कर जोरि बिनमओ विमल तरंगे

पुन दरसन होए पुनमति गंगे

एक अपराध छेमव मोर जानी

परसल माय पाय तुअ पानी

कि करब जप तप जोग धेआने

जनम कृतारथ एकहि सनाने

भनइ विद्यापति समदओं तोंही

अंत काल जनु बिसरह मोही

2. देवी स्तुति

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देवी स्तुति -स्तुति / तुलसीदास

तुलसीदास »

देवी स्तुति-(राग मारू)

दुसह दोषं-दुचा,दति, करू देवि दाया।

विश्व- मूलाऽसि, जन- सानुकूलाऽसि, कर शूलधारिणि महामूलमाया।1।

तडित गर्भांग सर्वंाग सुन्दर लसत, दिव्य पट भूषण विराजैं।

बालमृग-मंजु खंजन- विलोचनि, चन्द्रवदनि लखि कोटि रतिमार लाजैं।2।

रूप-सुख-शील-सीमाऽसि, भीमाऽसि,रामाऽसि, वामाऽसि वर बुद्धि बानी।

छमुख-हेरंब-अंबासि, जगदंबिके, शंभु-जायासि जय जय भवानी।3।

चंड-भुजदंड-खंडनि, बिहंडनि महिष मुंड -मद- भंग कर अंग तोरे।

शुंभु -निःशुंभ-कुम्भीश रण-केशरिणि, क्रोध-वारीश अरि -वृन्द बोरे।4।

निगम आगम-अगम गुर्वि! तव गुन-कथन, उर्विधर करत जेहि सहस जीहा।

देहि मा, मोहि पन प्रेम यह नेम निज, राम घनश्याम तुलसी पपीहा।5।

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