Hindi, asked by vgora, 3 months ago

please give correct answer.... please​

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Answered by hemajatt1206
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Answer:

अंग्रेज़ों ने, शिक्षा का प्रसार न करने के हिमायती होते हुए भी, भारत में शिक्षा का थोड़ा बहुत प्रसार किया। इसमें भी उनका ही स्वार्थ हित था। भारत में पैर पसारने के साथ-साथ अपनी बढ़ती व्यवस्था के लिए उन्हें बड़ी संख्या में क्लर्कों को प्रशिक्षित करके तैयार करने का प्रबन्ध करना पड़ा और इन्हीं परिस्थितियों वश भारत में शिक्षा का प्रसार करना पड़ा। बेशक यह शिक्षा सीमित थी व परिपूर्ण नहीं थी, फिर भी उसने नए और सक्रिय विचारों की दिशा में भारतीयों के दिमाग की खिड़कियाँ और दरवाज़े खोल दिए जिससे भारतीय समाज में परिवर्तन होने लगा और आधुनिक चेतना का प्रसार हुआ।

hope it helps u

missing u pgl

Answered by azarashaikhats
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Answer:

अंग्रेज़ी सरकार को भारत में शिक्षा का प्रसार करना उचित नहीं लगता था। इसका मुख्य कारण यह था कि अंग्रेज़ी सरकार भली-भाँति जानती थी, शिक्षा मनुष्य के विकास के सारे रास्तों को खोल देती है, उसको विकास के रास्ते देती है और यह मजबूती वे भारतीय समाज में नहीं आने देना चाहते थे। भारत में शिक्षा के अभाव के कारण ज़्यादातर जनता अशिक्षित थी। जिसके कारण उनका समुचित विकास नहीं हो पाया। वे उन्हीं पुराने रूढ़ियों, रीतियों में उलझे हुए थे और अंग्रेज़ी शासन के लिए यह उचित था। यदि लोग शिक्षित हो जाते तो उनमें जागृति उत्पन्न हो जाती। वे अपने अधिकारों के लिए सचेष्ट हो जाते जो अंग्रेज़ी शासन के लिए एक बड़े खतरे से कम नहीं था।

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