please give correct answer please
"दोनों मित्र जान हथेली पर लेकर लपके। साँड को भी संगठित शत्रुओं से लड़ने का ततरया न था। वह तो शत्रु से मल्लयुद्ध करने का आदी था। ज्यों ही हीरा पर झपटा, मोती ने पीछे से दौड़ाया। सांड उसको तरफ मुद्दा, तो होरा ने रंगदा। साँड चाहता था कि एक-एक करके दोनों को गिरा सेः पर ये दोनों भी उस्ताद थे। उसे वह अवसर न देते थे। एक बार साँड झल्लाकर हीरा का अंत कर देने के लिए चला कि मोती ने बगल से आकर पेट में सोंग चुभा दिया। मौड क्रोध में आकर पीले फिरा तो हौरा ने दूसरे पहलू में सींग चुभा दिया। आखिर बेचारी जख्मी होकर भागा और दोनों मित्रों ने दूर तक उसका पोडा किया। यहाँ तक कि साँड बेदम होकर गिर पड़ा। तब दोनों ने उसे छोड़ दिया।"
1. साँट को किस प्रकार का अनुभव नहीं था?
I. होरा और मौतों ने किस प्रकार अपने से अधिक शक्तिशाली शत्रु से मुकाबला किया?
II. इस गद्यांश से आपको क्या सीख मिली?
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1) सांड को बहुत सारे दुश्मनो के दल से लड़ने का अनुभव नही था।
2) हीरा और मोती एक साथ हो कर दुश्मनो से लड़े। सांड "मल्लयुध्द" कुश्ती लड़ने का शोक रखता था। तो जैसे ही उसका दुश्मन हीरा पर झपटा मोती ने उसे पीछे से दौड़या। सांड उसकी तरफ मुडा। और हीरा ने उसे मारा।
3) इससे हमे ये सीख मिली की हमे हमेशा हिम्मत और समझदारी से काम लेना चाहिये और अपने मित्र की मदद करनी चाहिये।
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