Hindi, asked by Arpita112, 1 year ago

Please give me 3 poems on Bhayanak Ras

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Answered by vikramjyoti20
1
हय–रूण्ड गिरे¸गज–मुण्ड गिरे¸ 
कट–कट अवनी पर शुण्ड गिरे।
लड़ते – लड़ते अरि झुण्ड गिरे¸
भू पर हय विकल बितुण्ड गिरे।।

चिंग्घाड़  भगा  भय  से  हाथी¸
लेकर  अंकुश  पिलवान  गिरा।
झटका लग गया¸ फटी झालर¸
हौदा गिर गया¸ निशान गिरा।।

कोई  नत – मुख  बेजान  गिरा¸
करवट   कोई   उत्तान   गिरा।
रण – बीच अमित भीषणता से¸
लड़ते – लड़ते  बलवान  गिरा।।


क्षण भीषण हलचल मचा–मचा
राणा – कर  की  तलवार  बढ़ी।
था  शोर  रक्त   पीने  को  यह
रण – चण्डी जीभ पसार बढ़ी।।

Answered by harichandana
2
'सूवनि साजि पढ़ावतु है निज फौज लखे मरहट्ठन केरी।
औरंग आपुनि दुग्ग जमाति बिलोकत तेरिए फौज दरेरी।
साहि-तनै सिवसाहि भई भनि भूषन यों तुव धाक घनेरी।
रातहु द्योस दिलीस तकै तुव सेन कि सूरति सूरति घेरी'।[3]
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