please give me a summary of the chapter sana sana hath jodi - class 10 hindi (kritika)
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मधु कांकरिया जी ने इस पाठ मेंअपनी सिक्किम की यात्रा का वर्णन किया है। एक बार वे अपनी मित्र के साथ सिक्किम की राजधानी गंगटोक घूमने गयी थीं। रात में ढलान पर सितारिन की जगमगाती झालर ने उसे इतना सम्मोहित किया वह उसी दिन वहां से सीखी प्रार्थना -:"मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो I"
अगले दिन मौसम साफ़ न होने के कारण लेखिका कन्चंजुन्घा की छोटी तो नहीं देख पायीं ,परन्तु ढेरों खिले फूलों को देखकर मन आनंदित हो गया Iउस दिन गैंगटोक से 149किलोमीटर दूर वे यूमधांग, लायुंग और कटाओ गयीं।
वहां के लोग बौध धर्म को बहुत मानते थे Iरास्ते में उन्होंने बौध अनुयायियों की लगई सफ़ेद और रंगीन झंडिया देखीं I'कवी -लॉग स्टॉक 'नमक स्थान पर हिंदी फिल्म गाइड की शूटिंग स्थान देखा Iवहीँ लेपचा और भुटिया जातियों का शांति वार्ता स्त्य्हन भी देखा Iएक कुतिया में पापों को धोने का प्रेयर व्हील देखा I
उंचाई पर चढ़ते चढ़ते धीरे धीरे लेखिका को स्थानीय लोगों को दिखना बंद हो गया Iनीचे घर छोटे छोटे ताश के पत्तों जैसे दिखने लगे Iरास्ते संकरे और घुमावदार होने लगे Iहरियाली के बिच कहीं कहीं खिले फूल भी थे Iहिमालय की सुन्दरता लोगों को काफी प्रभावित किया Iप्रसन्न लेखिका ने हिमालय को सलामी देनी चाही थी I सत्य और सुन्दरता की अनुभूति से वह भावुक हो उठी I अज्ञान दूर हुआ Iआत्मज्ञान होते ही एक बार फिर उसने प्रार्थना "मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो I उन्होंनेइस पाठ में सिक्किम की संस्कृति और वहां के लोगों के जीवन का विस्तार से वर्णन किया है। पाठ में हिमालय और उसकी घाटियों का भी सुंदर वर्णन किया गया है। लेखिकावहां की बदलती प्रकृति के साथ अपने को भी बदलता हुआ महसूस करती हैं। वे कभीप्रकृति प्रेमी, कभी एक विद्वान्, संत या दार्शनिक के समान हो जाती हैं। लेखिका परइस यात्रा का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने इस पाठ का नाम, एक नेपाली युवती की बोलीहुई प्रार्थना से लिया।
साना साना हाथ जोड़ी का अर्थ है - छोटे छोटे हाथ जोड़कर
प्रार्थना करती हूँ।
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साना साना हाथ जोड़ी का अर्थ है - छोटे छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूँ। मधु कांकरिया जी ने इस पाठ में अपनी सिक्किम की यात्रा का वर्णन किया है। एक बार वे अपनी मित्र के साथ सिक्किम की राजधानी गंगटोक घूमने गयी थीं। वहां से वे यूमधांग, लायुंग और कटाओ गयीं। उन्होंने इस पाठ में सिक्किम की संस्कृति और वहां के लोगों के जीवन का विस्तार से वर्णन किया है। पाठ में हिमालय और उसकी घाटियों का भी सुंदर वर्णन किया गया है। लेखिका वहां की बदलती प्रकृति के साथ अपने को भी बदलता हुआ महसूस करती हैं। वे कभी प्रकृति प्रेमी, कभी एक विद्वान्, संत या दार्शनिक के समान हो जाती हैं। लेखिका पर इस यात्रा का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने इस पाठ का नाम, एक नेपाली युवती की बोली हुई प्रार्थना से लिया। साना साना हाथ जोड़ी का अर्थ है - छोटे छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूँ। इस पाठ में प्रदूषण के बारे में बताया गया है। इसमें हमें सिक्किम के लोगों की कठिनाइयों के बारे में भी पता चलता है।
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