Hindi, asked by Parthgour, 1 month ago

please give me answer

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Answered by shwetankmaurya1
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Explanation:

1.बिगरी बात बने नहीं

रहीम का दोहा

बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय |

रहिमन बिगरै दूध को, मथे ना माखन होय ||

बिगडी बात को लाख उपाय करके भी संवारा नहीं जा सकता है, जैसे फटे दूध को लाख मथकर भी मक्खन नहीं निकलता| इसलिये बात को बिगडने ही न दें| वाणी पर नियंत्रण रखें, क्योंकि वाणी शत्रु को भी मित्र और मित्र को भी शत्रु बना सकती है

2.

isme kavi kahna cahta hai ki sukh mei sab log saath denge lekin dukh mein koi nhi dega

Answered by krsinhadks
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1.रहिम जी इस दोहे मे कह रहे हैं कि बिगड़ी बात को लाख कोशिश करने पर भी ठिक नहीं किया जा सकता वैसे ही जैसे एक बार दूध फटने जाने के बाद उसका मक्खन नहीं बन सकता

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