Hindi, asked by srishtichandauli, 18 hours ago

please give me this answer​

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Answered by poorvikagharu3011
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1.गीता में श्रीकृण ने अर्जुन को कर्मयोग का उपदेश दिया है।

2.मनुष्य के अपना कर्म करने से समाज का कल्याण हो सकता है।

3.आलस्य तथा निरुद्योगपूर्ण जीवन को पशु जीवन कहा गया है।

4.आलस्य का परित्याग ही सफलता का प्रथम सोपान है।

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