Please give some Essay points on Samaya Niyojan
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जीवन नदी की धारा समान हैl जैसे नदी की धारा ऊंची नीची भूमि को पार करती निरंतर आगे बढ़ती रहती है उसी प्रकार जीवन की धारा भी सुख-दुख तथा सफलता सफलता के अनेक संघर्षों को सहते भोंकते आगे बढ़ती रहती है l बहना जीवन है और ठराव मृत्यु lजीवन का उद्देश निरंतर आगे बढ़ते बढ़ते रहने में- इसी में सुख है, आनंद है lलेकिन सुख आनंद और आगे बढ़ने में जो वस्तु काम करती, वह समय l जो भगाते हुए समय को पकड़कर इसके साथ साथ चल सकते हैं, वही तो जीवन में कामयाब होते हैं l वस्तुत समय का सदुपयोग ही विकास की कुंजी है l
अंग्रेजी में समय को धन कहा है पर धन से कहीं ज्यादा कीमती है अमूल्य है lधन आजकल नष्ट हो गया परसों फिर आ सकता है लेकिन जो समय अतीत के गर्त में समा गया लाख चर्चा करने पर भी वह लौटकर नहीं आ सकता इसलिए जितने भी संत महात्मा हुए हैं सभी ने समय नहीं के मूल्य को पहचानने का उपदेश दिया है l
यह काम कहावत है कि "जो समय को नष्ट करता है ,समय उसे नष्ट कर देता है"l न जाने कितनी पुणे ओके प्रताप से हमें मनुष्य जीवन मिलता है अगर हमने इसे नहीं पहचाना तो बाद में पछताना ही पछताना बाकी रह जाता है इसलिए समय को पहचान कर काम करना चाहिए कुछ लोग अपना आलस्य और अकर्मण्यता छिपाने के लिए प्राया कहते सुने जाते हैं कि साहब क्या करे? समय ही नहीं मिलता l और अगर ऐसे लोग की दिनचर्या देखें तो पता लगेगा कि जनाब 9:10 बजे तक सोते ही रहते हैं जो इतना समय सोने में नष्ट कर देंगे उनके पास अच्छे और अधिक काम के लिए समय ही कहां रहेगा सोना सैर सपा करण नहीं
यह तो महा शायद या उत्तर आपकी मदद करेगा l