PLEASE HELP
क. लेखक ने घर वापस जाने की बात क्यों सोची? 'बड़े भाई साहब' पाठ के आधार पर बताइए।
ख. स्वाधीनता आंदोलन में विद्यार्थियों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
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Answer:
लेखक का मन पढ़ाई में बिलकुल भी नहीं लगता था। अगर एक घंटे भी किताब ले कर बैठना पड़ता तो यह उसके लिए किसी पहाड़ को चढ़ने जितना ही मुश्किल काम था। जैसे ही उसे ज़रा सा मौका मिलता वह खेलने के लिए मैदान में पहुँच जाता था। लेकिन जैसे ही खेल ख़त्म कर कमरे में आता तो भाई साहब का वो गुस्से वाला रूप देखा कर उसे बहुत डर लगता था।बड़े भाई साहब छोटे भाई को डाँटते हुए कहते हैं कि वह इतना सुस्त है कि बड़े भाई को देख कर कुछ नहीं सीखता । अगर लेखक अपनी उम्र इसी तरह गवाना चाहता है तो उसे घर चले जाना चाहिए और वहां मजे से गुल्ली - डंडा खेलना चाहिए । कम से कम दादा की मेहनत की कमाई तो ख़राब नहीं होगी।
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लेखक का मन पढ़ाई में बिलकुल भी नहीं लगता था। अगर एक घंटे भी किताब ले कर बैठना पड़ता तो यह उसके लिए किसी पहाड़ को चढ़ने जितना ही मुश्किल काम था। जैसे ही उसे ज़रा सा मौका मिलता वह खेलने के लिए मैदान में पहुँच जाता था। लेकिन जैसे ही खेल ख़त्म कर कमरे में आता तो भाई साहब का वो गुस्से वाला रूप देखा कर उसे बहुत डर लगता था। बड़े भाई साहब छोटे भाई को डाँटते हुए कहते हैं कि वह इतना सुस्त है कि बड़े भाई को देख कर कुछ नहीं सीखता । अगर लेखक अपनी उम्र इसी तरह गवाना चाहता है तो उसे घर चले जाना चाहिए और वहां मजे से गुल्ली डंडा खेलना चाहिए । कम से कम दादा की मेहनत की कमाई तो ख़राब नहीं होगी।