Hindi, asked by rajshah2704, 10 months ago

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Answers

Answered by Shubham01legend
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Answer:

(1) kavi ne yashashvi mrityu ko samrityu kha h. jis mrityu ko sbhi yaad kre, jo paropkar ke karan sammaniye ho.

(2)

3. kavi talab ki samanta darpan se krte hue khta hai ki jab surya ki kirne talaab pr prti h to wah darpan jaise dikhta h.

Explanation:

Answered by nikhiljsh2004
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क) कवि ने ऐसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है जो मानवता की राह में परोपकार करते हुए आती है। ऐसे मनुष्य को मरने के बाद भी याद रखा जाता है।

ख) बिहारी ने श्री कृष्ण के सांवले शरीर की सुंदरता का बखान करते हुए कहा है कि श्री कृष्ण के साँवले शरीर पर पीले रंग के वस्त्र ऐसी शोभा देते हैं, जैसे नीलमणि पहाड़ पर सुबह के सूरज की किरने पड़ रही है |

ग) 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता में कवि, सुमित्रानंदन पंत जी ने तालाब की समानता दर्पण से की है क्योंकि तलाब भी दर्पण की तरह स्वच्छ और निर्मल प्रतिबिंब दिखाता है |

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