please help solve all questions
Attachments:
Answers
Answered by
1
Answer:
Sorry
What's the lesson name and class
resend i I will try to answer your questions
Answered by
0
Answer:
1. -
2. ललद्यद ने सुझाव दिया है कि भोग और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखो। न तो भोगों में लिप्त रहो, न ही शरीर को सुखाओ; बल्कि मध्यम मार्ग अपनाओ। तभी प्रभु-मिलन का द्वार खुलेगा।
3.कवयित्री देखती है कि दिन बीतते जाने और अंत समय निकट आने के बाद भी परमात्मा से उसका मेल नहीं हो पाया है। ऐसे में उसे लगता है कि उसकी साधना एवं प्रयास व्यर्थ हुई जा रही है।
Explanation:
Hope it HELPS you
Mark me as BRAINLIEST
Similar questions