History, asked by rdxmunda, 11 months ago

please hep karto bhai​

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Answered by solankivivek
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Explanation:

>>Bharat me garibi dur karne k liye sarkar ke dwara kiye gaye upayo ka varnan kijiye

=>भारत में गरीबी बहुत व्यापक है किन्तु बहुत तेजी से कम हो रही है। अनुमान है कि विश्व की सम्पूर्ण गरीब आबादी का तीसरा हिस्सा भारत में है। 2010 में विश्व बैंक ने सूचना दी कि भारत के 32.7% लोग रोज़ना की US$ 1.25 की अंतर्राष्ट्रीय ग़रीबी रेखा के नीचे रहते हैं और 68.7% लोग रोज़ना की US$ 2 से कम में गुज़ारा करते हैं।

केंद्र सरकार का दावा है कि हाल के वर्षों में भारत में गरीबी घटने की गति तेज हो गई है। वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2018 के साथ-साथ ब्रूकिंग्‍स इंस्‍टीट्यूशन द्वारा प्रकाशित एक नोट से यह तथ्‍य उभर कर सामने आया है। सरकार का कहना है कि इस दिशा में दीनदयाल अंत्‍योदय योजना – राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई – एनआरएलएम) काफी कारगर साबित हुई है। आइए, जानते हैं इसकी खासियत -

Money Bhaskar

Jan 24,2019 08:08:00 PM IST

नई दिल्ली. केंद्र सरकार का दावा है कि हाल के वर्षों में भारत में गरीबी घटने की गति तेज हो गई है। वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2018 के साथ-साथ ब्रूकिंग्‍स इंस्‍टीट्यूशन द्वारा प्रकाशित एक नोट से यह तथ्‍य उभर कर सामने आया है। सरकार का कहना है कि इस दिशा में दीनदयाल अंत्‍योदय योजना – राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई – एनआरएलएम) काफी कारगर साबित हुई है। आइए, जानते हैं इसकी खासियत -

9 करोड़ परिवारों से जुड़ी है यह योजना

मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डेवलपमेंट द्वारा चलाई जा रही इस स्कीम का मकसद स्‍वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से देश भर में लगभग 9 करोड़ परिवारों को जोड़ना है और उन्‍हें टिकाऊ आजीविका के अवसरों से जोड़ना है। इसके लिए इनके कौशल को बढ़ाया जा रहा है और इसके साथ ही वित्‍त के औपचारिक स्रोतों, पात्रता और सार्वजनिक एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों की सेवाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की रही है।

अप्रैल 2014-नवम्‍बर 2018 के दौरान इस योजना की प्रगति इस प्रकार रही।

- मिशन फुटप्रिंट : इस अवधि के दौरान 2411 अतिरिक्‍त ब्‍लॉकों को ‘गहन’ रणनीति के दायरे में लाया गया है। इस मिशन को संचयी रूप से 29 राज्‍यों और 5 केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 612 जिलों में फैले 5,123 ब्‍लॉकों में कार्यान्वित किया जा रहा है।

सामुदायिक संस्‍थानों का निर्माण

अप्रैल 2014 और नवम्‍बर 2018 के बीच 3 करोड़ से भी अधिक ग्रामीण निर्धन महिलाओं को देश भर में 26.9 लाख स्‍वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित किया गया है। कुल मिलाकर 5.63 करोड़ से भी अधिक महिलाओं को 49.7 लाख से ज्‍यादा एसएचजी में संगठित किया गया है। इसके अलावा, एसएचजी को 2.73 लाख से भी अधिक ग्राम स्‍तरीय महासंघों और लगभग 25,093 क्‍लस्‍टर स्‍तरीय महासंघों के रूप में संगठित किया गया है।

5030 करोड़ रु. दिए गए

इसके अलावा, इन सामुदायिक संस्‍थानों को पूंजीगत सहायता के रूप में 5,919.71 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि मुहैया कराई गई है, जिनमें से लगभग 85 प्रतिशत रकम (5030.7 करोड़ रुपये) उपर्युक्‍त अवधि के दौरान उपलब्‍ध कराई गई है।

1.96 लाख करोड़ का लोन

पिछले पांच वर्षों के दौरान एसएचजी द्वारा कुल मिलाकर 1.96 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण से लाभ उठाया गया है। चालू वर्ष में फंसे कर्जों (एनपीए) के घटकर 2.64 प्रतिशत हो जाने के साथ ही पोर्टफोलियो की गुणवत्‍ता में भी उल्‍लेखनीय सुधार हुआ है। यह एसएचजी द्वारा समय पर ऋणों के भुगतान को बढ़ावा देने के लिए राज्‍यों द्वारा सतत रूप से किये जा रहे प्रयासों का नतीजा है।

दूर-दराज के क्षेत्रों में वित्‍तीय सेवाएं

इस अवधि के दौरान वित्‍तीय सेवाएं मुहैया कराने के वैकल्पिक मॉडलों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। लगभग 3,050 एसएचजी सदस्‍यों को बैंकिंग कॉरस्‍पोंडेंट एजेंटों (बीसीए) के रूप में तैनात किया गया है, ताकि अंतिम छोर तक वित्‍तीय सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। इनमें जमा, ऋण, धन प्रेषण, वृद्धावस्‍था, पेंशन एवं छात्रवृत्तियों का वितरण, मनरेगा से संबंधित पारिश्रमिक का भुगतान एवं बीमा और पेंशन योजनाओं के तहत नामांकन शामिल हैं। नवम्‍बर 2018 तक 185 करोड़ रुपये के 16 लाख से भी अधिक लेन-देन पूरे किये गये हैं।

35.92 लाख महिला किसान जुड़े

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना एवं मूल्‍य श्रृंखला से जुड़ी पहल के तहत महिला किसानों की आमदनी बढ़ाने और कच्‍चे माल से संबंधित लागतों एवं जोखिमों में कमी करने वाले कृषि-पारिस्थितिकी तौर-तरीकों को बढ़ावा देने के लिए इस मिशन के तहत महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एमकेएसपी) को कार्यान्वित किया जा रहा है। अप्रैल 2014 से लेकर नवम्‍बर 2018 तक की अवधि के दौरान लगभग 3 लाख और महिला किसानों को एमकेएसपी के दायरे में लाया गया है। इसके साथ ही इस परियोजना के तहत अब तक 35.92 लाख महिला किसानों को लाया जा चुका है।

मार्केट लिंकेज का विस्तार

वित्‍त वर्ष 2015-16 से लेकर अब तक ‘डीएवाई-एनआरएलएम’ ने वैल्‍यू चेन से संबंधित उपलब्धियां हासिल करने की दिशा में उल्‍लेखनीय प्रयास किये हैं, ताकि बाजार संपर्कों (लिंकेज) का विस्‍तार किया जा सके। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य संपूर्ण बिजनेस मॉडल विकसित करना है, जिससे कि प्राथमिक उत्‍पादकों को उत्‍पादक संगठनों के सृजन से लेकर विपणन संबंधी संपर्कों के निर्माण तक के समस्‍त सॉल्‍यूशन सुलभ कराए जा सकें।

modi sarkar ne pandit din dayal yojna bhi nikali he jise garibo ko rashan bhi bahut sasta mile, garibi dur kane ke liye sarkar ne svarojgar kend bhi sthapit kiye the or har saal ek garib kumb mela bhi rakhte he jis me garib baheno ko tailor machine bhi dete he or bachho ko cycle bhi....

i hope it's help's you

please mark a brainest answer

thank you

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