please is sabka 1 by 1 ans de do
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- जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है.
- जो तुम्हारे लिए कांटा बोता है, उसके लिए तुम फूल बोओ अर्थात् जो तुम्हारी बुराई करता है तू उसकी भलाई कर। तुम्हें फूल बोने के कारण फूल मिलेंगे और जो कांटे बोता है उसे कांटे मिलेंगे तात्पर्य यह कि नेकी के बदले नेकी और बदी के बदले बदी ही मिलता है। यही प्रकृति का नियम है
- जब तक मन में अहंकार था तब तक ईश्वर का साक्षात्कार न हुआ, जब अहंकार (अहम) समाप्त हुआ तभी प्रभु मिले | जब ईश्वर का साक्षात्कार हुआ, तब अहंकार स्वत: ही नष्ट हो गया | ईश्वर की सत्ता का बोध तभी हुआ | प्रेम में द्वैत भाव नहीं हो सकता, प्रेम की संकरी (पतली) गली में केवल एक ही समा सकता है - अहम् या परम ! परम की प्राप्ति के लिए अहम् का विसर्जन आवश्यक है |
- उस खजूर के पेड़ की तरह ना बने, जो भले ही बड़ा हो लेकिन राहगिरों को छाया प्रदान नही कर सकता और भले ही जिसपे फल लग जाए, लेकिन कोई उसे पा नहीं सकता क्योंकि वो बहुत ऊँचा होता है।
- हंस और बगुला दोनों मानसरोवर में रहते हैं, परन्तु हंस तो अपने स्वभाव के कारण मोती का आहार करते हैं जबकि बगुले मछली ढूँढते हैं
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