Hindi, asked by neelamishan67, 1 month ago

please iska sankrit translation kr do

अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न जनजातियों के लोगों की अपनी-अपनी अलग पगड़ी एवं परिधान है। बुनाई कला का अपना महत्त्व है एवं हर जनजाति की अपनी विशिष्ट शैली है। नृत्य सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग है। लोसर, मेपिन एवं सोलुंग यहाँ के प्रमुख जनजातीय पर्व है। त्योहार राज्य के कुछ महत्त्वपूर्ण त्योहारों में अदीस लोगों द्वारा मनाए जाने वाले मोपिन और सोलुंग; मोनपा लोगों का त्योहार लोस्सार; अपतानी लोगों का द्री, तगिनों का सी-दोन्याई; इदु-मिशमी समुदाय का रेह; निशिंग लोगों का न्योकुम आदि शामिल हैं। अधिकांश त्योहारों के अवसर पर पशुओं की बलि चढ़ाने की प्रथा है।​

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Answered by Aish866
1

Answer:

अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न जनजातियों के लोगों की अपनी-अपनी अलग पगड़ी एवं परिधान है। बुनाई कला का अपना महत्त्व है एवं हर जनजाति की अपनी विशिष्ट शैली है। नृत्य सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग है। लोसर, मेपिन एवं सोलुंग यहाँ के प्रमुख जनजातीय पर्व है। त्योहार राज्य के कुछ महत्त्वपूर्ण त्योहारों में अदीस लोगों द्वारा मनाए जाने वाले मोपिन और सोलुंग; मोनपा लोगों का त्योहार लोस्सार; अपतानी लोगों का द्री, तगिनों का सी-दोन्याई; इदु-मिशमी समुदाय का रेह; निशिंग लोगों का न्योकुम आदि शामिल हैं। अधिकांश त्योहारों के अवसर पर पशुओं की बलि चढ़ाने की प्रथा है।

Answered by xXmonaXx99
9

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अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न जनजातियों के लोगों की अपनी-अपनी अलग पगड़ी एवं परिधान है। बुनाई कला का अपना महत्त्व है एवं हर जनजाति की अपनी विशिष्ट शैली है। नृत्य सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग है। लोसर, मेपिन एवं सोलुंग यहाँ के प्रमुख जनजातीय पर्व है।

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