Hindi, asked by Anonymous, 6 months ago

please
iski sprasang vyakhya likhiye please
Ch- Ek tinka​

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Answered by riya3227
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Answer:

एक तिनका कविता में कवि हरिऔध जी ने हमें घमंड ना करने की प्रेरणा दी है। इस कविता के अनुसार, एक दिन वो बड़े घमंड के साथ अपने घर की मुंडेर पर खड़े होते हैं, तभी उनकी आँख में एक तिनका गिर जाता है। उन्हें बड़ी तकलीफ होती है और जैसे-तैसे तिनका उनकी आँख से निकल जाता है। तिनके के निकलने के साथ ही कवि के मन से घमंड भी निकल जाता है और उन्हें सरल जीवन जीने का महत्व समझ आ जाता है।

Explanation:

मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन-सा ।

लाल होकर आँख भी दुखने लगी ।

मूँठ देने लोग कपड़े की लगे ।

ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी ।2।

एक तिनका कविता का भावार्थ: एक तिनका कविता की इन पंक्तियों में कवि ने आँख में तिनका गिर जाने के बाद अपनी हालत का वर्णन किया है।

कवि कहते हैं कि आँख में तिनका चले जाने से उन्हें बड़ी ही बेचैनी होने लगी। उनकी आँख लाल हो गयी और दुखने लगी। लोग कपड़े का उपयोग करके उनकी आँख से तिनका निकालने की कोशिश करने लगे। इस दौरान उनकी ऐंठ और घमंड बिल्कुल चूर हो कर दूर भाग गए।

जब किसी ढब से निकल तिनका गया ।

तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए ।

ऐंठता तू किसलिए इतना रहा ।

एक तिनका है बहुत तेरे लिए ।3।

एक तिनका कविता का भावार्थ: एक तिनका पंक्ति में कवि हरिऔध जी ने तिनका निकल जाने के बाद अपनी हालत का वर्णन किया है। वो इन पंक्तियों में कहते हैं कि जैसे-तैसे उनकी आँखों से तिनका निकल गया। इसके बाद उन्हें मन में एक ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही तोड़ दिया।

इन पंक्तियों के ज़रिए कवि हमें भी घमंड से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। चाहे इंसान कितना भी बड़ा हो जाए, उसका घमंड चकनाचूर हो ही जाता है।

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