please make Hindi poems on the given topic
Answers
जितने कदम चलो उतने बढ़ते जाते हैं
कभी खुशहली,
तो कभी जंग वो बन जाते हैं
छोटे से मन में,
वो विशाल घर बनाते हैं
जिन्दगी की हकीकत में,
वो युद्ध छेड़ जाते हैं
सपने हैं परछांई से,
जितने कदम चलो उतने बढ़ते जाते हैं
नर्मी सा एहसास,
दिल में भर देते हैं
कभी हकीकत बन के,
सामने आ जाते हैं
कभी किसी से नही करते हैं,
वो भेद-भाव
चाहे राजा हो या भिखा की आँखें,
सबकी आँखों में आते हैं वो
सपने हैं परछांई से,
जितने कदम चलो उतने बढ़ते जाते हैं
ऊँचाई इतनी कि,
पल में चाँद और सूरज को छू लें
गहराई इतनी कि,
समुद्र की सतह में पल न लगे
गरीब को पल में,
अमीर वो बनाएँ
महबूबा को पल में,
प्रियतम से मिलाए
सपने हैं परछांई से,
जितने कदम चलो उतने बढते जाते हैं
Explanation:
यात्रा
बेकन के अनुसार बचपन में यात्रा करना शिक्षा का एक भाग है, एवं बड़े होने पर यह अनुभव का एक भाग है । कुछ लोग अलग तरह से भी सोचते हैं उनके लिये चर्च एवं मठों में जाना, महल एवं किलों में जाना पुरातन एवं खंडहरों में एवं पुस्तकालय एवं विश्वविद्यालयों में जाना केवल समय ही बरबादी है ।
वह यह भी कहते हैं कि व्यक्ति इनके बारे में पढ़ सकता हैं अथवा तस्वीरें देख सकता है जिनमें विश्व की महत्वपूर्ण जगहों को देखा जा सकता है । किन्तु वह भूल जाते हैं कि सत्य को पास से देखने उसे छूने एवं महसूस करने से एक अलग प्रकार की सन्तुष्टि एवं रोमांच की अनुभूति होती है ।
यह समय के सदुपयोग का सर्वोतम तरीका है । जब तक कोई व्यक्ति अपनी नीरस शारीरिक एवं मानसिक दिनचर्या को तोड़ता नहीं है उसे सन्तुष्टि नहीं मिल सकती । यात्रा से हम दिनचर्या की इस नीरसता को भंग कर सकते है । एक नयी जगह पर व्यक्ति कुछ जानने के लिये उत्सुक एवं ज्ञान अर्जित करने के लिये व्यस्त हो जाता है । रोमांचित एवं आश्चर्य चकित करने वाले स्थल उसके उत्साह को जागृत रखते है ।
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