please mujhe jald se jald Ek poem bataiye Hindi mein
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Answers
इतना छोटा बना घोंसला,
इसमें तुम कैसे रहती हो।
इसमें जगह कहां है चिड़िया,
जिसको अपना घर कहती हो।
कहां तुम्हारा शयन कक्ष है,
कहां तुम्हारा बैठक खाना।
यह भी तो बतला दो चिड़िया
कहां बनाती हो तुम खाना।
बेटे-बहू तुम्हारे होंगे,
उनके कमरे कहां-कहां हैं।
ब्याह किए होंगे बिटियों के,
पते बताओ जहां-जहां हैं।
नाती-पोते साथ तुम्हारे,
रहते हैं या अलग-अलग हैं।
सेवा करते कभी तुम्हारी,
बोलो उनके क्या रंग-ढंग हैं।
बातें सुनकर चिड़िया रानी,
खूब हंसी, हंसकर मुस्काई।
बोली अरे अक्ल के दुश्मन,
दुनिया तुमको समझ न आई।
हम पंछी तो एक नीड़ में,
दुनिया नई बसा लेते हैं।
वही हमारे बैठक खाने,
भोजन कक्ष वहीं होते हैं।
अपना-अपना काम हम सभी,
अपने हाथों से करते हैं।
छोटे से छोटे बच्चे भी,
अपने पर निर्भर रहते हैं।
नहीं जोड़ते दाना-पानी,
न ही बंगले-महल बनाते।
न नुकसान-नफे के हमको,
कोई भी दुःख-दर्द सताते।
नहीं बुढ़ापा हमको आता,
कभी नहीं बीमार पड़े हम।
किसी डॉक्टर किसी वैद्य के,
यहां कभी भी नहीं गए हम।
यह सारा संसार हमारा,
धरती सारा अपना घर है।
यह तन तो नश्वर है भाई,
एक आत्मा अजर-अमर है।
It's very easy poem.. u can revise it easily...
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