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स्वच्भरताभियानम् (भावार्थः)
भारतभूमि हमारी जन्मभूमि है । जन्मभूमि माता समान हमे पलती, पोषती एवं रक्षा करती है । हमे अन, जल, फल प्रदान करती है जिसपर हमारा पालन पोषण होता है । इनकी धागों से हैम वस्त्र का निर्माण करते हैं जिससे हमारे शरीर की सुरक्षित रहती है । हम इसी भूमि पर अपने घरों का निर्माण करते हैं जो हमे सुरक्षित रखती है।
अतः यह भूमि हमारे लिए पूजनीय, वन्दनीय, सम्मानीय, एवं रक्षणीय है । मातृभूमि की रक्षा और उन्नति के लिए इसको स्वक्छ रखना भी पुरुषार्थ का काम है । भारत देश की चर्चा आधुनिक देशों एवं पूरे विश्व भर में हो रही है। आज हमारे देश ने चंद्रयान बनाकर चंन्द्र की यात्रा तक कर ली है लेकिन दुख की बात यह है कि आज भी हमारे देश के नागरिक अनावरित जगहों पर शौच करते हैं। इधर उधर गंदगी फैलाते हैं। इनहीं समस्याओं का निवारण करने हेतु स्वच्भरताभियान की शुरुआत की गई ।
स्वच्भरताभियान नाम का महाभियान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा घोषित किया गया । वर्ष २०१४ के अक्टूबर मास के द्वितीय तिथि को राजघाट पर श्री नरेंद्र मोदी जी ने सभी भारतवासी से निवेदन करते हुए कहा - " सभी लोग स्वच्भरताभियान में अपना योगदान दें। " फिर उसी दिन प्रधानमंत्री जी ने राजघाट पर झाड़ू लगते हुए स्वच्भरताभियान का प्रारंभ किया। अक्टूबर मास के द्वितीय तिथि को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर इस अभियान की शुरुआत की गई।
स्वच्भरताभियान के तीन प्रमुख अंग हैं - नगर स्वच्भरताभियान, ग्रामीण क्षेत्र स्वच्भरताभियान एवं विद्यालय स्वच्भरताभियान । इसमे सबसे महत्वपूर्ण विद्यालय स्वच्भरताभियान है क्योंकि बच्चे ही भविष्य हैं। अतः मैं भी इस अभियान में अपना योगदान दूंगा।