Hindi, asked by sparshjainnagod, 8 months ago

please please give me the bhavarth of this chapter please help me and give me the solution fast thank you​

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Answered by varadad25
2

Answer:

हिंदी में भावार्थ |

Explanation:

प्रस्तुत संवाद में दो पात्र हैं | एक अनुव्रत नाम का लडका और उसके पिता | दोनों के बीच में हुई बातचीत प्रस्तुत संवाद में बताई गई है |

अनुव्रत सुबह उठ कर अपने पिता से प्रणाम करता है | पिता अनुव्रत को दीर्घ आयु का आशीर्वाद देते हुए पुछते है की तुम अब क्या कर रहे हो?

अनुव्रत कहता है की अब तो सिर्फ सुबह के छह बजे है | मुझे सात बजे तक सोना है | पिता कहते है की यह उचित नहीं है | मनुष्य को सूर्योदय होने से पहले उठना चाहिए |

अनुव्रत पिता से पुछा है की जल्दी उठ कर मनुष्य को क्या करना चाहिए? पिता कहते हैं की सबसे पहले उठ कर मनुष्य को ईश्वर को याद करना चाहिए | फिर रोज के काम कर के उद्यान में जाके मनुष्य को योग और योगासन करने चाहिए | जवान लोगों ने तो अवश्य ही व्यायाम करना चाहिए |

अनुव्रत पुछता है यह सब करने के बाद क्या करना चाहिए? तब पिता कहते हैं की उद्यान से घर आने पर मनुष्य को स्वच्छ पानी से स्नान करना चाहिए | मनुष्य को स्वच्छ कपडे पहनने चाहिए | उसके बाद मनुष्य को दूध पिना चाहिए और फल भी खाने चाहिए |

अनुव्रत कहता है की हे पिताजी, मुझे घर में बनाया हुआ भोजन पसंद नहीं है | मुझे तो बर्गर, पिझ्झा, चाउमिन आदि व्यंजन खाने की इच्छा होती है | मुझे हर दिन ठंडा पेय पीने की भी इच्छा होती है | पिता कहते है की नहीं बेटा, ऐसी चीजे मनुष्य को नहीं खानी चाहिए | और ठंडा पेय भी नहीं पिना चाहिए |

अनुव्रत पुछता है की ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? पिता कहते है की यह सब चीजों से हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है | दूध और संतुलित आहार में सारे गुण होते हैं | हमारे शरीर का विकास होने के लिए दूध बहुत लाभदायक है | जवान लोगों ने तो हर दिन दौडना, खेलना, व्यायाम करना आदि क्रियाएँ करनी ही चाहिए | दूध पिने से और व्यायाम करने से शारीरिक तथा मानसिक शक्ती और स्वास्थ्य मनुष्य को मिलता है | मनुष्य का विकास होता है | इसलिए, तुम्हें अहितकारी और हानिकारक चीजों को छोडकर यह सब चीजों का अपने जीवन में अवलंब करना चाहिए ताकि तुम्हारा विकास हो सके |

प्रस्तुत संवाद का भावार्थ:

अनुव्रत नाम के लडके को उसके पिताजी सुबह जल्दी उठना, दूध पिना, फल खाना, योग करना, दौडना, खेलना, व्यायाम करना आदि चीजों का महत्त्व बताते हैं | अनुव्रत को यह सब चीजें पसंद नहीं हैं और वह यह सब करना नहीं चाहता है | लेकिन जब उसे इन सब चीजों के लाभ ज्ञात होते हैं, तब वो यह सब चीजों को स्वीकार कर अपने जीवन में उनका अवलंब करता है |

Answered by ANAS659
5

Answer:

हिंदी में भावार्थ |

Explanation:

प्रस्तुत संवाद में दो पात्र हैं | एक अनुव्रत नाम का लडका और उसके पिता | दोनों के बीच में हुई बातचीत प्रस्तुत संवाद में बताई गई है |

अनुव्रत सुबह उठ कर अपने पिता से प्रणाम करता है | पिता अनुव्रत को दीर्घ आयु का आशीर्वाद देते हुए पुछते है की तुम अब क्या कर रहे हो?

अनुव्रत कहता है की अब तो सिर्फ सुबह के छह बजे है | मुझे सात बजे तक सोना है | पिता कहते है की यह उचित नहीं है | मनुष्य को सूर्योदय होने से पहले उठना चाहिए |

अनुव्रत पिता से पुछा है की जल्दी उठ कर मनुष्य को क्या करना चाहिए? पिता कहते हैं की सबसे पहले उठ कर मनुष्य को ईश्वर को याद करना चाहिए | फिर रोज के काम कर के उद्यान में जाके मनुष्य को योग और योगासन करने चाहिए | जवान लोगों ने तो अवश्य ही व्यायाम करना चाहिए |

अनुव्रत पुछता है यह सब करने के बाद क्या करना चाहिए? तब पिता कहते हैं की उद्यान से घर आने पर मनुष्य को स्वच्छ पानी से स्नान करना चाहिए | मनुष्य को स्वच्छ कपडे पहनने चाहिए | उसके बाद मनुष्य को दूध पिना चाहिए और फल भी खाने चाहिए |

अनुव्रत कहता है की हे पिताजी, मुझे घर में बनाया हुआ भोजन पसंद नहीं है | मुझे तो बर्गर, पिझ्झा, चाउमिन आदि व्यंजन खाने की इच्छा होती है | मुझे हर दिन ठंडा पेय पीने की भी इच्छा होती है | पिता कहते है की नहीं बेटा, ऐसी चीजे मनुष्य को नहीं खानी चाहिए | और ठंडा पेय भी नहीं पिना चाहिए |

अनुव्रत पुछता है की ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? पिता कहते है की यह सब चीजों से हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है | दूध और संतुलित आहार में सारे गुण होते हैं | हमारे शरीर का विकास होने के लिए दूध बहुत लाभदायक है | जवान लोगों ने तो हर दिन दौडना, खेलना, व्यायाम करना आदि क्रियाएँ करनी ही चाहिए | दूध पिने से और व्यायाम करने से शारीरिक तथा मानसिक शक्ती और स्वास्थ्य मनुष्य को मिलता है | मनुष्य का विकास होता है | इसलिए, तुम्हें अहितकारी और हानिकारक चीजों को छोडकर यह सब चीजों का अपने जीवन में अवलंब करना चाहिए ताकि तुम्हारा विकास हो सके |

प्रस्तुत संवाद का भावार्थ:

अनुव्रत नाम के लडके को उसके पिताजी सुबह जल्दी उठना, दूध पिना, फल खाना, योग करना, दौडना, खेलना, व्यायाम करना आदि चीजों का महत्त्व बताते हैं | अनुव्रत को यह सब चीजें पसंद नहीं हैं और वह यह सब करना नहीं चाहता है | लेकिन जब उसे इन सब चीजों के लाभ ज्ञात होते हैं, तब वो यह सब चीजों को स्वीकार कर अपने जीवन में उनका अवलंब करता है |

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