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Amazon tatha Ganga Brahmaputra basin ka akshansh vistar kya hai answer in Hindi please please please answer fast emergency
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AMAZON BASIN
अमेज़न के वर्षावन दुनिया में सबसे बड़े हैं। इसका कुल क्षेत्रफल सत्तर लाख वर्ग किलोमीटर है, जोकि पूरे दक्षिण अमरीकी प्रायद्वीप का 40 प्रतिशत हिस्सा है। अमेज़न के जंगल धरती के पर्यावरण संतुलन में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए उसे 'धरती का फेफड़ा' कहा जाता है।
अमेज़न जैव विविधता का केंद्र है और यहाँ जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के बेशुमार किस्में पाई जाती हैं। अमेज़न के वर्षावन से होकर बहने वाली 6,437 किलोमीटर लंबी अमेज़न नदी दुनिया की सबसे लंबी नदी है। दुनिया के समुद्रों में जितना मीठा पानी जाता है उसमें अमेज़न का योगदान 20 प्रतिशत है।[[1]][[2]][[3]]
अमेज़न के किनारों पर नौ देशों के लगभग तीन करोड़ लोग बसते हैं। ये देश हैं-- ब्राज़ील, बोलिविया, पेरू, इक्वेडोर, कोलंबिया, वेनेज़ुएला, गयाना, फ्रेंच गयाना और सूरीनाम। इनमें दो-तिहाई आबादी ब्राज़ील के लोगों की है।
GANGA BASIN
गंगा अपनी उपत्यकाओं (घाटियों) में भारत और बांग्लादेश के कृषि आधारित अर्थ में भारी सहयोग तो करती ही है, यह अपनी सहायक नदियों सहित बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई के बारहमासी स्रोत भी हैं। इन क्षेत्रों में उगायी जाने वाली प्रधान उपज में मुख्यतः धान, गन्ना, दाल, तिलहन, आलू एवम् गेहूँ हैं। जो भारत की कृषि आज का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। गंगा के तटीय क्षेत्रों में दलदल तथा झीलों के कारण यहाँ लेग्यूम, मिर्च, सरसो, तिल, गन्ना और जूट की बहुतायत फसल होती है। नदी में मत्स्य उद्योग भी बहुत जोरों पर चलता है। गंगा नदी प्रणाली भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है; इसमें लगभग ३७५ मत्स्य प्रजातियाँ उपलब्ध हैं। वैज्ञानिकों द्वारा उत्तर प्रदेश व बिहार में १११ मत्स्य प्रजातियों की उपलब्धता बतायी गयी है।[15] फरक्का बांध बन जाने से गंगा नदी में हिल्सा मछली के बीजोत्पादन में सहायता मिली है।[16] गंगा का महत्त्व पर्यटन पर आधारित आय के कारण भी है। इसके तट पर ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तथा प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर कई पर्यटन स्थल है जो राष्ट्रीय आय का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। गंगा नदी पर रैफ्टिंग के शिविरों का आयोजन किया जाता है। जो साहसिक खेलों और पर्यावरण द्वारा भारत के आर्थिक सहयोग में सहयोग करते हैं। गंगा तट के तीन बड़े शहर हरिद्वार, प्रयागराज एवम् वाराणसी जो तीर्थ स्थलों में विशेष स्थान रखते हैं। इस कारण यहाँ श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या निरन्तर बनी रहती है तथा धार्मिक पर्यटन में महत्त्वपूर्ण योगदान करती हैं। गर्मी के मौसम में जब पहाड़ों से बर्फ पिघलती है, तब नदी में पानी की मात्रा व बहाव अत्यधिक होता है, इस समय उत्तराखण्ड में ऋषिकेश, बद्रीनाथ मार्ग पर कौडियाला से ऋषिकेश के मध्य रैफ्टिंग, क्याकिंग व कैनोइंग के शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो साहसिक खेलों के शौकीनों व पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करके भारत के आर्थिक सहयोग में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।[17]