Hindi, asked by Tamatar, 1 year ago

Please provide a speech on sardar sarovar bandh ke labh or haani for declamation tomorrow

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Answered by MRsooN
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SOME POSITIVE FACTS

सरदार सरोवर बांध अमेरिका के ग्रांड कोली डैम के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है.
इस बांध के 30 दरवाजे हैं और प्रत्येक दरवाजे का वजन 450 टन है. हर दरवाजे को बंद करने में करीब एक घंटे लगते हैं.
 इस बांध के जरिये 9,000 गांवों को पानी मिलने का दावा है.
हाल ही में बांध की उंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाई गई है. इस बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी संचय करने की क्षमता है.
सरदार सरोवर बांध गुजरात के केवाड़िया क्षेत्र में स्थित है. हालांकि, इस बांध से उत्पन्न होने वाली 57% बिजली महाराष्ट्र में, 27% मध्य प्रदेश और शेष गुजरात में जाएगी. सिंचाई और पानी की आपूर्ति के मामले में राजस्थान को भी कुछ लाभ मिलने की उम्मीद है.
बांध से 6 हज़ार मेगावाट बिजली पैदा होगी जो कि गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में वितरित होगी.
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में इस परियोजना की शुरुआत की थी. करीब पांच दशकों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज इसका लोकार्पण करेंगे.
नर्मदा बचाव आंदोलन की अगुवाई करने वाली मेधा पाटकर ने इस मामले को लेकर सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में घसीटा और 1996 में कोर्ट ने निर्माण पर रोक लगा दी.
अक्टूबर 2000 में सर्वोच्च न्यायालय ने बांध के पुनर्ग्रहण की अनुमति दी.

NEGATIVES

यहीं से शुरू होती है डूब की गाथा! डूब प्रभावितों के लिये नई शताब्दी एक ऐसी त्रासदी से शुरू हुई जिसने हजारों शताब्दियों की सभ्यता और संस्कृति को अपने में समेट लिया। यहाँ एक और तथ्य पर गौर करना आवश्यक है, वर्ष 1979 में अनुमान लगाया गया था कि सरदार सरोवर जलाशय की वजह से तकरीबन 6000 परिवार विस्थापित होंगे। वर्ष 1987 में वह संख्या बढ़कर 12,000 तक पहुँच गई। चार वर्ष बाद 1991 में कहा गया कि डूब में आये परिवारों की संख्या 27,000 हो सकती है। एक साल पश्चात ही सरकार ने स्वीकारा कि कुल 40,000 परिवार प्रभावित होंगे। वैसे अभी भी सरकारी आँकड़ा 40,000 से 41,500 के बीच अटका हुआ है। वहीं दूसरी ओर नर्मदा बचाओ आन्दोलन का मानना है कि वास्तविक संख्या 85,000 परिवार है यानि करीब 5 लाख लोग

Tamatar: Thanks againnn...
MRsooN: NO PROBLEM
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