Political Science, asked by renubajpai1980, 5 months ago

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Answered by Sankalp050
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Explanation:

Thermodynamics is a branch of physics that deals with heat, work, and temperature, and their relation to energy, radiation, and physical properties of matter. The behavior of these quantities is governed by the four laws of thermodynamics which convey a quantitative description using measurable macroscopic physical quantities, but may be explained in terms of microscopic constituents by statistical mechanics. Thermodynamics applies to a wide variety of topics in science and engineering, especially physical chemistry, chemical engineering and mechanical engineering, but also in other complex fields such as meteorology.

Answered by Anonymous
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Explanation:

संविधान से ही सामाजिक न्याय एवं समता संभव

संविधान में निहित सामाजिक दर्शन समाज में प्रत्येक वर्ग के लिए सामाजिक-आर्थिक न्याय की बुनियाद रखता है

भास्करन्यूज। रोहतक

भारतका संविधान एक ऐसा दस्तावेज है। यह समाज में सामाजिक न्याय एवं समता की व्यवस्था करता है तथा एक प्रगतिशील समाज की नींव रखता है। भारत के संविधान में निहित सामाजिक दर्शन समाज में प्रत्येक वर्ग के लिए सामाजिक-आर्थिक न्याय की बुनियाद रखता है।

यह कहना है सिक्किम उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश तथा संप्रति केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष प्रमोद कोहली का। वे शुक्रवार को एमडीयू में हरियाणा स्वर्ण जयंती व्याख्यानमाला में व्याख्यान दे रहे थे। न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली ने सामाजिक न्याय संवैधानिक प्रावधान विषय पर पर कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना से लेकर अन्य प्रावधानों में समावेशी सामाजिक-आर्थिक, न्याय एवं विकास की अवधारणा को सुदृढ़ करते हैं।

लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज एक्ट 1987, पर्संस विद डिसबीलिटीज एक्ट 1985, राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपलसरी एजुकेशन एक्ट 2009, नेशनल फूड सिक्युरिटी एक्ट 2013 समेत कल्याणकारी कार्यक्रम- मनरेगा, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन, नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के जरिए भी समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास एवं न्याय की व्यवस्था सरकार ने की है।

उन्होंने संविधान की विभिन्न धाराओं एवं अनुच्छेदों में अभिव्यक्त सामाजिक न्याय के विचार को अपने भाषण में प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने भाषण को ध्यान से सुना और विचार भी साझा किए।

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