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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है। वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली हैं,
खेतों में
अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है
मानव संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियां हो रही हैं। किसी के कुरते में
बटन नहीं है, पड़ोस के घर से सुई धागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उन में तेल डालने के लिए घर भागा
जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी पानी दे दें। ईदगाह से लौटते-लीटते दोपहर हो जाएगा। 3 कोस का पैदल रास्ता, सैकड़ों
आदमियों से मिलना- भेंटना,दोपहर के पहले लौटना असंभव है। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोजा रखा है वह
भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज है। रोजे बड़े-बूढ़ों के लिए
होंगे।इनके लिए तो ईद है। रोज ईद का नाम रटते थे आज वह आ गई। अब जल्दी पड़ी है कि लोग ईदगाह क्यों नहीं चलते।
इन्हें गृहस्थी की चिंताओं से क्या प्रयोजन। सेवाइयों के लिए दूध और शक्कर घर में है या नहीं, इनकी बला से, ये तो सेवाइयाँ
खाएँगे।
अ. गाँव में चहल-पहल होने का क्या कारण है?
ब. लोग कहाँ जाने की तैयारियों में व्यस्त हैं?
स. बच्चे किस प्रकार की चिंताओं से मुक्त है?
ड. गाँव से ईदगाह तक का रास्ता कितना लंबा है?
ई. ईदगाह से दोपहर से पहले लौटना असंभव क्यों था?
II. आप की मुलाकात कोरोनावायरस से हुई, अतः आपके और कोरोनावायरस के बीच हुए बातचीत को संवाद के रूप में
लिखिए।
III सामाजिक माध्यमों द्वारा प्रसारित 'घर पर रहो सुरक्षित रहो' पर एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
IV. अपने अनुचित व्यवहार के लिए माफी मांगते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।
रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है। वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली हैं,
खेतों में
अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है
मानव संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियां हो रही हैं। किसी के कुरते में
बटन नहीं है, पड़ोस के घर से सुई धागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उन में तेल डालने के लिए घर भागा
जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी पानी दे दें। ईदगाह से लौटते-लीटते दोपहर हो जाएगा। 3 कोस का पैदल रास्ता, सैकड़ों
आदमियों से मिलना- भेंटना,दोपहर के पहले लौटना असंभव है। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोजा रखा है वह
भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज है। रोजे बड़े-बूढ़ों के लिए
होंगे।इनके लिए तो ईद है। रोज ईद का नाम रटते थे आज वह आ गई। अब जल्दी पड़ी है कि लोग ईदगाह क्यों नहीं चलते।
इन्हें गृहस्थी की चिंताओं से क्या प्रयोजन। सेवाइयों के लिए दूध और शक्कर घर में है या नहीं, इनकी बला से, ये तो सेवाइयाँ
खाएँगे।
अ. गाँव में चहल-पहल होने का क्या कारण है?
ब. लोग कहाँ जाने की तैयारियों में व्यस्त हैं?
स. बच्चे किस प्रकार की चिंताओं से मुक्त है?
ड. गाँव से ईदगाह तक का रास्ता कितना लंबा है?
ई. ईदगाह से दोपहर से पहले लौटना असंभव क्यों था?
II. आप की मुलाकात कोरोनावायरस से हुई, अतः आपके और कोरोनावायरस के बीच हुए बातचीत को संवाद के रूप में
लिखिए।
III सामाजिक माध्यमों द्वारा प्रसारित 'घर पर रहो सुरक्षित रहो' पर एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
IV. अपने अनुचित व्यवहार के लिए माफी मांगते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।
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