Hindi, asked by sujalkalgutkar23, 11 months ago

please send me answer​

Attachments:

Answers

Answered by Deveshmaurya
1

Answer:

hoga Kuch Bai good morning follow me

Answered by madhukaushik11005
1

Explanation:

Computer – Ek Vardan

प्रस्तावना- आधुनिक युग में कम्प्यूटर मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण और आवश्यक अंग बन गया है। व्यापार के सारे कार्य कम्प्यूटर पर ही किये जाते हैं। अपने अधिकतम प्रयोग, गणना को शत-प्रतिशत शुद्वता एंव स्मृति की असीमित क्षमता के कारण यह जीवन के प्रत्येक अंग में छा गया है।

कम्प्यूटर क्या है?- कम्प्यूटर गणताएं कर सकने वाली विश्लेषक मशीन है जो सेकेण्ड के करोड़वें भाग जैसी कम अवधि में अनेक सूचनाओं एवं गणनाओं का हिसाब करती है।जिन समस्याओं का हल करने के लिए मनुष्य को कई दिन यहां तक कि महीनों लग सकते हैं कम्प्यूटर उन्हें पलक झपकते ही सुलझा देते है। कम्प्यूटर अंको के साथ-साथ अक्षरों में भी काम करता है।

पहला कम्प्यूटर 19वीं शताब्दी में महान् गणितज्ञ चाल्र्स बेबेज ने बनाया था। यह कम्प्यूटर लम्बी-लम्बी गणनाएं कर उनके परिणामों को मुद्रित कर देता था।

कम्प्यूटर का विकास- कम्प्यूटर के विकास की कहानी 19वीं शताब्दी में शुरू हुई जबकि चाल्र्स बेबेज ने सूचनाओं का आदान-प्रदान के उददेश्य से एक यंत्र का निर्माण किया। इस यंत्र के मुख्य रूप से तीन भाग थे। यह यंत्र उस समय अत्यन्त साधारण किस्म का था।

उसके तीन भाग इस प्रकार थे-

1. संग्राहक ;ैजवतमद्ध 2. चकरी ;डपससद्ध 3. नियंत्रक ;ब्वदजतवससमतद्ध बेबेज का यह यंत्र कम्प्यूटर तो नहीं था पर उसने कम्प्यूटर निर्माण की दिशा में नये मार्ग प्रशस्त कर दिये थे।

सन् 1940 में प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर का निमार्ण होना आरम्भ हुआ। सन् 1944 में हारवर्ड विश्वविधालय ने मार्क। से पहला कम्प्यूटर निर्मित किया।

सन् 1946 में प्रथम इलैक्ट्रानिक कम्प्यूटर का विकास किया गया। जिसका इलैक्ट्रानिक न्यूमेरिकल इन्टीग्रेटर एण्ड कैलकुलेटर रखा गया। यह वलय गणक पर आधारित पहला कम्प्यूटर था।

सन् 1949 में प्रोग्राम को संग्रहीत करने के लिए इलैक्ट्रानिक डिले, स्टोरेज आटोमेटिक कैलकुलेटर बनाया गया। सन् 1951 में यूनिवर्सल आटोमेटिक कम्प्यूटर बना। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि कम्प्यूटर जगत में थी। उसे पहला व्यावसायिक कम्प्यूटर नाम दिया गया।

सन् 1960 में इन्टीग्रटेड सर्किट सिस्टम के साथ कम्प्यूटर के क्षेत्र में एक नयी क्रान्ति का सूत्रपात हुआ। इसी प्रणाली में ट्राजिसटर डायोड तथा प्रतिरोधक का प्रयोग किया जाने लगा। इसे द्वितीय पीढ़ी निर्माण काल कहा गया।

सन् 1965 में तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटर को विकसित करने में सफलता मिली। इसमें जर्मेनियम ट्राजिस्टरों के स्थान पर सिलिकान ट्राजिस्टर का प्रयोग किया जाने लगा।

इसके बाद इसके विकास की अवस्थाएं रखने का नाम नहीं ले रही हैं। 1986 से 2000 के बीच उच्च गति वाले माइक्रों प्रोसेसर तथा वृहत् स्मृति क्षमता वाले कम्प्यूटरों का विकास किया जा चुका है।

Similar questions